पटना। भाकपा-माले के बैनर तले आज पटना में अतिक्रमण के नाम पर फुटपाथ दुकानदारों पर लगातार ढाए जा रहे पुलिसिया जुल्म और सबरी नगर, बुद्ध मूर्ति मुसहरी सहित झुग्गी-झोपड़ियों में रह रहे दर्जनों स्लम बस्तियों के गरीबों की झोपड़ियों को उजाड़ने की लगातार चल रही जनविरोधी कार्रवाई के खिलाफ पटना जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव किया गया। घेराव में सैकड़ों की तादाद में शहर के विभिन्न हिस्सों से फुटपाथ दुकानदारों तथा शहरी गरीबों की भागीदारी थी।
प्रदर्शन का नेतृत्व विधानपरिषद सदस्य शशि यादव, सरोज चौबे, पटना महानगर सचिव अभ्युदय, ऐक्टू नेता रणविजय कुमार, ऐपवा की राज्य सचिव अनिता सिन्हा, विनय कुमार, मुर्तुजा अली, फुटपाथ दुकानदारों के नेता शाहजादे आलम, सत्येंद्र शर्मा, विभा गुप्ता, जितेंद्र कुमार, तपेश्वर मांझी आदि नेताओं ने किया।
प्रदर्शनकारी छज्जूबाग से अपनी मांगों की तख्तियों के साथ जिलाधिकारी कार्यालय तक पहुंचे थे। विधान पार्षद शशि यादव सहित सभी नेता घेराव करते हुए काफी देर तक रोड पर ही बैठे रहे और लगातार नारे लगाते रहे।
बाद में एक प्रतिनिधमंडल ने जिलाधिकारी से मुलाकात की। जिलाधिकारी महोदय ने मामले में गंभीरता दिखलाते हुए सभी मसलों पर सकारात्मक पहल का आश्वासन दिया। उसके बाद घेराव का कार्यक्रम समाप्त किया गया।
शशि यादव ने कहा कि जिलाधिकारी के आश्वासन के बाद आज का घेराव खत्म हो रहा है। लेकिन प्रशासन यह समझ ले कि गरीबों व फुटपाथ दुकानदारों के जीविका और आवास के संवैधानिक अधिकारों पर हमला हम बर्दाश्त नहीं करने वाले हैं।
सुप्रीम कोर्ट के बुलडोजर पर दिए गए सख्त निर्देश के बावजूद गरीबों की झोपड़ियां तोड़ी जा रही हैं। नीतीश कुमार कहते हैं कि बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए किसी की झोपड़ी नहीं तोड़ी जाएगी लेकिन आज सत्ता की नाक के ठीक नीचे ही क्या हो रहा है?
हकीकत यह है कि भाजपा-जदयू सरकार ने आज तक एक शहरी गरीब को काॅलोनी हाउस बनाकर नहीं दे सकी। जरूर उनका प्रशासन ठंड के मौसम में भी गरीबों की झोपड़ियां तोड़ने में कोई परहेज नहीं करता।
डबल इंजन की तथाकथित बीस बरसों की सरकार घोर गरीब विरोधी सरकार साबित हुई है। इसके खिलाफ सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष किया जाएगा।
फुटपाथ दुकानदारों के नेता का. शाहजादे ने कहा कि फुटपाथ दुकानदारों को कानूनी अधिकार है कि वे अपनी जीविका के लिए सड़क किनारे रोजगार कर सकते हैं।
ऐसा वेंडिंग एक्ट सरकार ने ही बनाया है। हम लोगों का पहचान पत्र भी बना है। बावजूद अतिक्रमण के नाम पर प्रशासन हमें हमेशा परेशान करता है। जब मर्जी होती है पुलिस हमारी दुकानों को तहस-नहस कर देती है, गाली-गलौज करती है, यहां तक कि हमारी जमा पूंजी भी लूट लेती है।
यह कहां का न्याय है? हम इस अन्याय के खिलाफ आज यहां एकत्रित हुए हैं। कानून द्वारा हासिल अधिकारों पर हमला किसी भी सूरत में नहीं सहेंगे।
का. रणविजय ने कहा कि पटना-दिल्ली की सरकार गरीबों की दुश्मन हैं। गरीबों के आवास और रोजी-रोटी की चिंता मोदी -नीतीश की सरकार को नहीं है। बिना सीजर लिस्ट के फुटपाथ दुकानदारों और झुग्गी वासियों का सामान लूटना गैर कानूनी है।
उत्तर प्रदेश की तर्ज पर बिहार को बुलडोजर राज में तब्दील कर देने के खिलाफ गरीबों का संघर्ष तेज किया जाएगा।
का. अनिता सिन्हा ने कहा कि सरकार के इशारे पर प्रशासन द्वारा झोपड़ियों और फुटपाथ दुकानदारों को उजाड़ने से सबसे ज्यादा गरीब महिलाओं को परेशानी होती है। शहर के गरीबों और फुटपाथ दुकानदारों के संघर्ष में भाकपा-माले हर कदम पर साथ है।
इस जुल्म के खिलाफ गरीबों की बड़ी गोलबंदी होगी और शासन-प्रशासन को मांगें मानने के लिए मजबूर किया जाएगा। सभा का संचालन राज्य कमेटी सदस्य कॉमरेड जितेंद्र ने किया।
(प्रेस विज्ञप्ति)
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