पटना। भाकपा-माले की राज्य स्थायी समिति और जिला सचिवों की एक दिवसीय बैठक आज पटना स्थित राज्य कार्यालय में संपन्न हुई। बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वेदश भट्टाचार्य, राज्य सचिव कुणाल, धीरेन्द्र झा, अमर, सांसद राजाराम सिंह, मीना तिवारी, मंजू प्रकाश, आरएन ठाकुर सहित पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया।
इस बैठक में 9 मार्च को पटना में आयोजित होने वाली बदलो बिहार महाजुटान रैली और उससे पहले विभिन्न प्रमंडल मुख्यालयों पर आयोजित होने वाले समागम की तैयारियों पर गहरी चर्चा की गई।
बैठक में राज्य सचिव कुणाल ने राज्य सरकार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया और नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा को लेकर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा के नाम पर राज्यभर में पुलिसिया आतंक फैलाया जा रहा है।
वे आरोप लगा रहे थे कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज पूरी तरह से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के नक्शे कदम पर चल रहे हैं। उनका कहना था कि समाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को दबाने के लिए नीतीश कुमार ने राज्य में एक ऐसा वातावरण बना दिया है, जिसमें किसी भी विरोध को अपराध माना जाने लगा है।
कुणाल ने विशेष रूप से गोपालगंज और सिवान जिलों का जिक्र किया, जहां प्रगति यात्रा के दौरान महिला अधिकारों और कामकाजी महिलाओं के उचित पारिश्रमिक की मांग उठाने वाले आंदोलनों को कुचला गया।
उन्होंने बताया कि आशा नेत्री मालती राम, विद्यालय रसोइया की नेता सोहिला गुप्ता, कुंती यादव और आइसा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य विकास यादव जैसे प्रमुख कार्यकर्ताओं सहित 100 से ज्यादा महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया गया।
इन महिलाओं का केवल इतना अपराध था कि वे अपने अधिकारों के लिए आवाज उठा रही थीं। माले के कई कार्यकर्ताओं को हाउस अरेस्ट किया गया और विरोध करने वाले छात्र-युवाओं ने “दमनकारी मुख्यमंत्री वापस जाओ” के नारे के साथ सड़कों पर उतरकर मार्च निकाला।
बैठक में राज्य में बढ़ते अपराधों और कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की गई। विशेष रूप से कैमूर जिले के सोनहन थाना क्षेत्र के इटाढ़ी गांव में माले नेता आज़ाद राम की हत्या को लेकर पार्टी ने विरोध जताया। माले नेताओं ने मांग की कि उनके हत्यारों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और मामले की निष्पक्ष जांच की जाए।
माले ने यह भी आरोप लगाया कि बिहार में एक तरफ पुलिस का आतंक राज चल रहा है, जबकि दूसरी तरफ अपराधियों का मनोबल इस कदर बढ़ चुका है कि वे बिना किसी डर के अपराधों को अंजाम दे रहे हैं।
राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि यह स्थिति राज्य के आम नागरिकों के लिए खतरनाक बनती जा रही है, क्योंकि प्रशासन की ओर से कानून और व्यवस्था बनाए रखने में नाकामी दिख रही है। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार सरकार के सत्ता में रहते हुए आम जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी पूरी तरह से सरकार की है, लेकिन आज सरकार अपने दमनकारी रवैये से जनता को आतंकित करने में लगी हुई है।
माले के नेताओं ने यह भी स्पष्ट किया कि वे 9 मार्च को पटना में होने वाली बदलो बिहार महाजुटान रैली को लेकर पूरी तरह से तैयार हैं और राज्यभर के सभी क्षेत्रों से भारी संख्या में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। यह रैली मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ उनके दमनकारी शासन और पुलिसिया आतंक के खिलाफ एक मजबूत आवाज़ बनेगी।
(प्रेस विज्ञप्ति)