नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना मामले में प्रशांत भूषण को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने प्रशांत भूषण को यह दंड सीजेआई और सुप्रीम कोर्ट पर दो ट्वीट करने के मामले में दिया है। कोर्ट सजा की मियाद के मामले में सुनवाई 20 अगस्त को करेगा।
प्रशांत भूषण के खिलाफ यह शिकायत उनके 29 जून के एक ट्वीट पर की गयी थी जिसमें उन्होंने चीफ जस्टिस एसए बोबडे के हर्ले डेविडसन बाइक पर बैठी फोटो पर ट्वीट किया था। इस मामले का सू मोटो लेने के साथ ही कोर्ट ने 27 जून के उनके कोर्ट से संबंधित एक और ट्वीट का भी संज्ञान लिया था।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने 2009 के एक अवमानना मामले को भी उससे जोड़ दिया था। जिसमें प्रशांत भूषण ने कुछ मुख्य न्यायाधीशों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। फैसला जस्टिस अरुण मिश्रा की अदालत ने सुनाया।
5 अगस्त को सर्वोच्च अदालत ने अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया था। जब भूषण ने अपने ट्वीट पर माफी मांगने की जगह उसकी रक्षा की थी। और उसके पक्ष में तमाम तर्क दिए थे। जिसमें उन्होंने कहा था कि चीफ जस्टिस सर्वोच्च न्यायालय नहीं होता है। इसलिए चीफ जस्टिस पर किसी तरह की टिप्पणी सर्वोच्च न्यायालय पर टिप्पणी नहीं करार दी जा सकती है।
हालांकि इस मामले में प्रशांत भूषण और उनके वकील राजीव धवन सुनवाई की मांग कर रहे थे साथ ही उससे जुड़े तमाम तथ्यों को सामने लाना चाहते थे। लेकिन उनकी सुनवाई किए बगैर कोर्ट ने सीधे सजा सुना दी। अब यह देखने की बात होगी कि अगली 20 अगस्त को क्या होता है।
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