विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर झारखंड के लातेहार जिला अंतर्गत मनिका प्रखंड कार्यालय परिसर में ग्राम स्वराज मजदूर संघ के द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मनिका प्रखंड के विभिन्न गांव के आदिवासी समुह के लोगों द्वारा मान्दर, नगाड़ा और परंपरागत नृत्य व गीत के साथ रैली निकाली गयी। कार्यक्रम की शुरुआत प्राकृतिक परंपरा व प्रार्थना से की गई।
कार्यक्रम में महावीर परहिया ने अपने हक अधिकार के बारे में गीत के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का काम किया और उसने ये भी कहा कि हम सभी आदिवासी ही मूल निवासी हैं। हमें किसी के आगे झुकना नहीं है।
मेघा श्रीराम डाल्टन ने आदिवासी के महान आत्माओं को गीत के माध्यम से याद किया और लोगों को आदिवासी समस्याओं से अवगत कराने की कोशिश की। विश्वनाथ महतो ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी ही इस देश की सबसे पुरानी सभ्यता है, इन्होंने ही पहाड़, जल, जंगल, जमीन, खनिज सम्पदा को बचा के रखे है। वहीं पचाठी सिंह ने लोगों को अपने रोजगार संबंधित जानकारी दी और लोगों को एकजुट होकर आगे बढ़ने की बात कही। साथ ही नरेगा सहायता केंद्र के बारे में भी बताया कि हक अधिकार से संबंधित समस्या हो तो हम सभी मदद के लिए हमेशा तैयार हैं। देवलाल भगत ने लोगों को जल, जंगल और जमीन के बारे में बताया, आदिवासी हमेशा जंगल की ओर ही रहते आ रहे हैं हमे आगे की ओर बढ़ना है, हमे आगे बढ़कर अपने अधिकार को लेने के लिये आगे बढ़े और आने वाली पीढ़ी के लिये हमें लड़ना होगा।
जवाहर जी ने कहा कि आज विश्व आदिवासी है जो आज पूरे देश में मनाया जाता है। हमारे जो पूर्वज बहुत सारी धरोहर छोड़ कर गए हैं जिसको बचाये रखना हम सभी का कर्त्तव्य है। अभी जो बहुत सारी स्थानों पर आदिवासी की जमीन छीनी जा रही है, जो बिल्कुल ही गलत है। उन आदिवासी की जमीन के साथ जो सरकार छेड़छाड़ कर रही है, उसके लिए हमें आगे बढ़कर लड़ने की जरूरत है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दलित आर्थिक अधिकार आंदोलन एनसीसीएएमआर के राज्य समन्वय मिथिलेश कुमार ने कहा के आज महत्वपूर्ण दिन है और यह दिन संघर्ष और जल, जंगल, जमीन को मजबूत करता है। आज आदिवासी समुदाय के लोगों को अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए संघर्ष करना होगा। झारखंड नरेगा वॉच के राज्य समन्वयक जेम्स हेरेंज ने कहा कि आदिवासी को अधिकार के लिए लड़ाई लड़ने के लिए तैयार रहना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय को अपनी भाषा, संस्कृति और अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्ष करने की जरुरत है, तभी आदिवासी बचेगा।
कार्यक्रम में जीतेंद्र सिंह और प्रमुख साथियों के द्वारा उच्चवाबाल के ग्राम प्रधान महावीर को शहीद निर्मल सिंह का चित्र को देकर सम्मानित किया गया गया।
इस कार्यक्रम का मंच संचालन लालबिहारी सिंह ने किया और अध्यक्षता ग्राम स्वराज मजदूर संघ के अध्यक्ष कमलेश उरांव ने की। कार्यक्रम में सदस्य नन्हकू सिंह, रीता उरांव, अमरदयाल सिंह, दिलीप रजक, सोनमती देवी, शीला उरांव, लालो देवी सहित सैकड़ों की संख्या आदिवासी समुदाय की महिला व पुरुषों ने भाग लिया।