राहुल और प्रियंका गांधी आज फिर जाएंगे हाथरस

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नई दिल्ली। एक बड़ी खबर आ रही है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी आज फिर पीड़िता के परिजनों से मिलने के लिए हाथरस जाने की कोशिश करेंगे। इस बार उनके साथ कांग्रेस के सांसद भी होंगे। इसके साथ ही पंजाब से निकलने वाली राहुल गांधी की ‘किसान यात्रा’ को एक दिन के लिए आगे बढ़ा दिया गया है। और वह कल यानी 4 अक्तूबर को वहां से निकलेगी। इसके पहले आज यानी तीन अक्तूबर को ही उसे शुरू होना था। यह जानकारी कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने दी।

इसके पहले परसों दोनों नेता हाथरस जाने की कोशिश किए थे लेकिन उनके काफिले को ग्रेटर नोएडा में रोक दिया गया था। बाद में गाड़ी से उतरकर दोनों ने हाथरस की तरफ पैदल मार्च किया था। इस बीच पुलिस और प्रशासन के लोगों ने उनके साथ बेहद बदसलूकी की। पुलिसकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की में वह जमीन पर गिर गए और उनके हाथ तथा शरीर में चोटें भी आयीं। बाद में पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया। और कुछ समय बाद बगैर कोई बांड भरवाए उन्हें छोड़ दिया था।

इस बीच, आज प्रियंका गांधी ने एक बार फिर ट्वीट कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने कहा है कि उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।

उन्होंने अपने इस ट्वीट में इंडिया टुडे की उस बयान को भी टैग किया है। जिसमें उसने अपने रिपोर्टर तनुश्री पांडेय और पीड़िता के भाई के बीच हुई मोबाइल पर बातचीत को टेप करने का सरकार पर आरोप लगाया है। साथ ही पूछा है कि किस कानून के तहत इस काम को किया गया है।

इसमें कहा गया है कि “उत्तर प्रदेश प्रशासन ने पत्रकारों के हाथरस में प्रवेश पर रोक लगा दी है। और पीड़िता के परिजनों को मीडिया से बात करने की इजाजत नहीं दे रहा है। इस शाम (कल) पीड़िता के भाई संदीप और इंडिया टु़डे की रिपोर्टर तनुश्री पांडेय के बीच हुई टेलिफोनिक कॉल का ऑडियो सोशल मीडिया पर लीक हो गया है।”

इसमें आगे कहा गया है कि “इंडिया टुडे सबसे पहले यह जानना चाहता है कि हमारी रिपोर्टर जो घटना को कवर कर रही थी, का टेलीफोन क्यों टेप किया गया। अगर यह संदीप का फोन था जिसे टेप किया गया है तब सरकार को यह बताने की जरूरत है कि पीड़ित परिवार को निगरानी में क्यों रखा जा रहा है और उनके फोन क्यों टेप किए जा रहे हैं? और किस कानून के तहत ये फोन टेप किए गए हैं और उसके बाद अधिकारियों द्वारा उनकी कॉल रिकार्डिंग लीक की गयी है।”

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