भाजपा सांसद निरहुआ के इशारे पर किसान नेता राजीव यादव को किया जा रहा है उत्पीड़ित

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आजमगढ़। पूर्वांचल किसान यूनियन के महासचिव वीरेंद्र यादव ने आरोप लगाया है कि आजमगढ़ से भाजपा सांसद दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ के इशारे पर पुलिस किसान नेता राजीव यादव के परिजनों का उत्पीड़न कर रही है। उन्होंने कहा कि राजीव यादव के आजमगढ़ स्थित घिनहापुर गांव में देर रात पहुंची पुलिस ने पूछताछ के नाम पर परिवारजनों का उत्पीड़न किया। राजीव ने मंदुरी एयरपोर्ट से उड़ान संबधी निरहुआ के बयान को फर्जी करार देते हुए खुलासा किया था कि प्रधान से प्रधानमंत्री तक के चुनाव में कब-कब एयरपोर्ट को लेकर झूठे बयान दिए गए।

किसान नेता वीरेंद्र यादव ने कहा कि सोशलिस्ट किसान सभा के राष्ट्रीय महासचिव राजीव यादव की संपत्ति और बैंक का ब्योरा लेने वाली योगी की पुलिस की संपत्ति और बैंक खातों की जांच किसान जिस दिन कर देंगे उस दिन निरहुआ सरीखे भाजपा सांसद समेत पुलिस अधिकारियों से जेलें भर जाएंगी। उन्होंने कहा कि राजीव यादव ने सवाल उठाया था कि भाजपा सांसद निरहुआ एयरपोर्ट को लेकर झूठी बयानबाजी करते हैं, तो इस प्रकरण को लेकर निरहुआ की जांच के बजाए राजीव यादव की जांच पुलिस करने लगी।

किसान नेता वीरेंद्र यादव ने कहा कि सवाल उठाने पर हमारे घर-जमीन की नाप कराने वाले भाजपा नेताओं और प्रशासन के अधिकारियों की जमीन-जायदाद की माप किसान-मजदूर भी अब करेगा। ईडी-सीबीआई वाली सरकार को जानना चाहिए कि समाजवादी मूल्यों वाले किसान नेता राजीव यादव के पास घर तक नहीं है। होना तो चाहिए कि सरकार आवास का प्रबंध करे, लेकिन इसके उलट किसानों हितों के लिए जवानी खपाने वालों का उत्पीड़ित किया जा रहा है।

पूर्वांचल किसान यूनियन के महासचिव ने कहा कि चुनाव के नाम पर राजीव यादव का वेरिफिकेशन करने वाली पुलिस बताए कि उसको किसने यह जिम्मेदारी दी और किन-किन भाजपा नेताओं का उसने वेरिफिकेशन किया है। राजीव यादव 2022 में निजामाबाद विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। उनका ब्योरा सरकार के पास है। अब कौन सा ब्योरा पुलिस को चाहिए।

उन्होंने कहा कि पुलिस की इस तरह की पूछताछ से राजीव यादव की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर सवाल उठते हैं, क्योंकि इसके पहले भी कई बार गैरकानूनी तरीके से उन्हें उठाया गया है। पुलिस कहती है कि आप पॉलिटिकल हैं। आप पर निगाह रखने और जानकारी इकट्ठा करने को कहा गया है। आखिर किसके आदेश पर यह हो रहा। इस तरह की निजी जानकारियां लेना और देर रात पुलिस का घर जाना सिर्फ और सिर्फ दबाव बनाने के लिए किया जा रहा है ताकि कोई सवाल न उठाए।

वीरेंद्र यादव ने कहा कि इसके पहले जब हेट स्पीच देते हुए निरहुआ ने आजमगढ़ वालों को ऊपर पहुंचाने यानी हत्या, घुटना पंचर करने यानी हिंसा और जेल में ठूंस देने यानी कानून का दुरुपयोग करने की धमकी दी, तो आजमगढ़ के एसपी से मिलकर मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई। निरहुआ पर मुकदमा ना दर्ज कर किसान नेता राजीव यादव और अधिवक्ता विनोद यादव को वाराणसी से आते वक्त एसटीएफ ने उठा लिया और निरहुआ से समझौता करने का दबाव बनाया गया।

उन्होंने कहा कि इसके बाद मुझे (वीरेंद्र यादव) और राजीव यादव को कंधरापुर के करीब से फिर से उठाने का प्रयास किया गया पर आंदोलनकारी महिलाओं और आम जनता के आने के बाद अपहरणकर्ता भाग खड़े हुए। इन मामलों को लेकर एफआईआर के लिए तहरीर भी दी गई पर आज तक वह दर्ज नहीं हुई। इसके उलट राजीव यादव के अपहरणकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने पर महिला आंदोलनकारियों पर मुकदमा दर्ज कर दिया गया।

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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