विश्वविद्यालय खुलवाने की मांग को लेकर छात्रों का प्रतिनिधि मंडल कुलपति से मिला

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वाराणसी: सुचारू रूप से बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) को पुन: खुलवाने की मांग को लेकर छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल 24 मार्च को कुलपति प्रो. राकेश भटनागर से मिला। करीब एक घंटे तक चली इस मीटिंग में छात्रों को कोई संतोषजनक जवाब कुलपति से सुनने को नहीं मिला। छात्रों के अनुसार विश्वविद्यालय से लेकर मेस तक बंद किए जाने का ठीकरा विश्वविद्यालय के कुलपति ने डीन, डाइरेक्टर और लोअर अथॉरिटीज के सिर पर फोड़ अपना पल्ला झाड़ते नज़र आये। पूरी मीटिंग के दौरान कुलपति अपनी ज़िम्मेदारी से भागते रहे और वर्तमान स्थिति का जिम्मेदार कोरोना महामारी को बताया। वीसी इस सवाल पर बगलें झांकने लगे जब उनसे छात्रों ने यह पूछा कि अगर कोरोना है तो देश में चुनाव क्यों हो रहे हैं, बनारस शहर के अन्य के विश्वविद्यालय, स्कूल और प्राइवेट एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स क्यों खुले हैं? उनके पास यही एक ‘पारम्परिक’ जवाब था कि हमें अपने छात्रों की चिंता है।

विगत 22 फरवरी 2021 को छात्रों का एक समूह विश्वविद्यालय को खुलवाने की मांग को लेकर विश्वविद्यालय के प्रमुख द्वारा पर विरोध प्रदर्शन कर रहा था। तीन दिन तक धरना देने के बाद विश्वविद्यालय कोई सुध तक लेने नहीं आया। छात्रों के आरोपों के अनुसार विरोध प्रदर्शन को खत्म करवाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन के इशारे पर स्थानीय पुलिस के द्वारा अल सुबह जबरजस्ती धरनारत छात्रों को पुलिस अपने साथ थाने ले गई और धरना ख़त्म करवा दिया। अवैध रूप से थाने में रखे गए छात्रों के पक्ष में अन्य छात्रों के द्वारा थाने का घेराव करने के बाद छात्रों को रिहा किया गया था।

छात्र आशुतोष से फोन पर बात करने पर छात्र का कहना है कि सभी को पता है कि ऐसी मीटिंग्स में कोई नतीजा तो नहीं निकलता है, हां ये जरूर पता चल जाता है कि प्रशासन और सत्ता का नैतिक पतन कितना हुआ है। हमारी आज वीसी से मीटिंग की सफलता बस इतनी रही कि हमने वीसी साहब के नैतिक और मानसिक पतन का स्तर नाप लिया है। शिक्षा के लिए ये लड़ाई सड़कों पर लड़ी जाने वाली है और हम सड़को से लड़ विश्वविद्यालय की कक्षाओं में जा शिक्षा हासिल कर के ही रहेंगे।

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