प्रज्ञा जी! ये भूत विपक्षियों के नहीं बल्कि आप के अपनों के पैदा किए हुए हैं

Estimated read time 1 min read

पिछले दो वर्ष में बीजेपी के कई राजनेताओं का निधन हो गया। जिनमें मनोहर पर्रिकर,सुषमा स्वराज,अरुण जेटली, अनंत कुमार प्रमुख रहे, और सबसे बड़ी बात की इन नेताओं की मृत्यु भले ही इलाज के दौरान हुई है, मगर दो चार दिन से ज्यादा समय नहीं लगा इन्हें देह छोड़ने में। 

इस पर भोपाल की बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर का कहना है कि नेताओं की मौत सामान्य नहीं बल्कि विपक्ष के टोना टोटके भूत प्रेत करने के काऱण हुई है।

खैर, भगवाई मोहतरमा को लग रहा है कि भूत प्रेत का साया है, इसलिए उन्होंने बा खूब फरमाया है।

तो ‘माननीया मालेगांव’ वाली ओह सारी, भोपाल वाली, आपका अंदेशा गलत हो ही नहीं सकता, क्योंकि भूत को तो आप लोगों को पकड़ना ही पकड़ना है, मगर वो विपक्ष ने नहीं करवाया बल्कि यह सब भूत आप जैसों और आपकी पार्टी के नीतियों के कारण आया है।

क्योंकि यह भूत उन लोगों के हैं जो आपकी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण नोटबन्दी में मारे गये।

यह भूत उन तड़पते किसानों के हैं जो फर्ज के चक्कर में कर्जदार हो जाने की वजह से आत्महत्या कर लिये थे।

ये भूत उन बेगुनाहों के हैं जो गाय या जय श्रीराम का नारा न लगाने के कारण भीड़ द्वारा पीट-पीट कर मार दिए गए, जिसे अंग्रेजी में मॉब लिंचिंग कहते हैं।

यह भूत उन सैकड़ों बच्चों का है जो बिहार में चमकी बुखार से दम तोड़ दिये, मगर ‘साहेब’ वहां जाना गवारा नहीं समझे।

यह भूत उन लोगों का है जो किसी ‘ठाकुर प्रज्ञा’ आतंकी के कारण मालेगांव विस्फोट में चिथड़े चिथड़े हो गये।

माननीय मोहतरमा भूत, प्रेत और पिचाशों की संख्या अभी और बढ़ेगी और आपकी पार्टी और उनके नुमाइंदों के पीछे पड़ेगी क्योंकि देश में आर्थिक मंदी और बेरोजगारी का जो दौर चल रहा है, उसमें बहुत से लोग मरने के कगार पर हैं, मगर आपकी पार्टी के प्रमुख नेतृत्वकर्ता तो मैन वर्सेस वाइल्ड में व्यस्त हैं और जनता को 370 खात्मे के शुरूर में मस्त किये हैं।

जबकि मंदी, निजीकरण,  बेरोजगारी जैसे भूत प्रेत का साया देश पर छाया हुआ है।

(अमित मौर्या “गूंज उठी रणभेरी” के संपादक हैं। और आजकल बनारस में रहते हैं।)

+ There are no comments

Add yours

You May Also Like

More From Author