नई दिल्ली। अयोध्या में विमान कंपनियों के लिए यात्रियों का टोटा पड़ गया है। लिहाजा कंपनियों ने अपनी कई नियमित उड़ानों को रोकने का फैसला किया है। हालांकि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से तीन सप्ताह पहले जब पीएम मोदी ने अयोध्या एयरपोर्ट का उद्घाटन किया था उस समय यात्रियों का वहां तांता लगा हुआ था।
जब पीएम मोदी ने 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन किया तो उस समय महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट से देश के 20 शहरों के लिए उड़ानें भरी जाती थीं। और इसके साथ ही वहां से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की बात हो रही थी।
अभी जबकि 7 महीने नहीं बीते हैं पिछले दो महीनों से 13 शहरों की उड़ानें बंद हो गयी हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि इसके पीछे वजह यात्रियों की संख्या का कम होना है। अभी जो रुख है उससे भविष्य में एयरपोर्ट की पूरी उपयोगिता को लेकर ही सवाल खड़े होने लगे हैं।
विमान पत्तन के अधिकारी इसके लिए मानसून को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। हालांकि इसकी वो कोई व्याख्या नहीं कर पा रहे हैं। इसके साथ ही उनका कहना है कि आने वाले महीनों में स्थिति सुधर जाएगी।
अयोध्या में काम करने वाले विमान पत्तन के एक अधिकारी ने टेलिग्राफ को बताया कि कुछ विमान कंपनियां जिन्होंने अपनी रोजाना की उड़ानों को रद्द कर दिया है अब उन्होंने साप्ताहिक या फिर पखवाड़े के हिसाब से उनको उड़ाने का फैसला किया है। मौजूदा समय में वहां से अहमदाबाद, दिल्ली, मुंबई और बंगलुरू को लिए सीधी उड़ानें हैं। लेकिन हैदराबाद, पटना, दरभंगा और कोलकाता के लिए रोजाना की उड़ानें रद्द हो गयी हैं। क्योंकि उनके पास यात्री नहीं थे।
शुरुआत में लोग राम मंदिर को लेकर बेहद उत्साहित थे लिहाजा भारी तादाद में यात्री आए। लेकिन उत्तेजना धीरे-धीरे कम होती जा रही है। हम आशा करते हैं कि भविष्य में कम लेकिन लगातार इस मंदिर वाले शहर के लिए यात्रियों की आवक बनी रहेगी।
पिछले साल 30 दिसंबर को उद्घाटन करने के बाद पीएम मोदी ने एयरपोर्ट से अयोध्या शहर तक रोड शो किया था।
केंद्र और राज्य की सरकारों ने दावा किया था कि विदेशी यात्री भी आएंगे।
तकरीबन सभी मुख्य विमान कंपनियों ने अयोध्या से और अयोध्या के लिए अपनी उड़ानों को शुरू कर दिया था। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि बहुत जल्द ही अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की शुरुआत होगी।
विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उस समय कहा था कि हालांकि मौजूदा हवाई पट्टी घरेलू उड़ानों के लिए पूर्णत: तैयार है। अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए एक अलग से हवाई पट्टी बनाई जाएगी। उसके लिए जमीन भी हासिल कर ली गयी है।
लेकिन सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अभी तक कोई विमान कंपनी जो अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को भारत में लाती है, ने अयोध्या तक उड़ान भरने में अपनी कोई रुचि नहीं दिखायी है।
अयोध्या एयरपोर्ट के निदेशक विनोद कुमार गौड़ ने टेलिग्राफ को बताया कि कुछ उड़ानें रद्द की गयी हैं। शायद यात्री बरसात में यात्रा नहीं करना चाहते हैं। लेकिन मानसून महीने के बीत जाने के बाद हालात में सुधार होगा।