नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज सर्वसम्मति से अनुच्छेद-370 को निरस्त करने को वैध ठहराया है। केंद्र सरकार ने 5 अगस्त, 2019 में जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने अपने फैसले में माना कि केंद्र सरकार का 2019 में अनुच्छेद 370 तो निरस्त करने का कदम संवैधानिक रूप से वैध है।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति एसके कौल, संजीव खन्ना, बीआर गवई और सूर्यकांत की संविधान पीठ ने केंद्र को राज्य का दर्जा बहाल करने और विधान सभा चुनाव कराने का भी निर्देश दिया।
याचिकाकर्ताओं ने जम्मू और कश्मीर संविधान की धारा 92 और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत उद्घोषणा जारी करने को तब तक चुनौती नहीं दी जब तक कि जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति को रद्द नहीं कर दिया गया। उद्घोषणाओं को चुनौती देना न्यायनिर्णयन के योग्य नहीं है क्योंकि मुख्य चुनौती उन कार्रवाइयों को लेकर है जो उद्घोषणा जारी होने के बाद की गई थीं।
अनुच्छेद 356 के तहत उद्घोषणा जारी होने के बाद राष्ट्रपति द्वारा शक्ति का प्रयोग न्यायिक समीक्षा के अधीन है। राष्ट्रपति द्वारा शक्ति के प्रयोग का उद्घोषणा के उद्देश्य के साथ उचित संबंध होना चाहिए। शक्ति के प्रयोग को चुनौती देने वाले व्यक्ति को प्रथम दृष्टया यह स्थापित करना होगा कि यह शक्ति का दुर्भावनापूर्ण या बाह्य प्रयोग है।
फैसले में संविधान पीठ ने निर्देश दिया कि भारत के चुनाव आयोग द्वारा 30 सितंबर 2024 तक पुनर्गठन अधिनियम की धारा 14 के तहत गठित जम्मू और कश्मीर विधान सभा के चुनाव कराने के लिए कदम उठाए जाएं। राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाएगा।
कुछ लड़ाइयां हारने के लिए लड़ी जाती हैं: कपिल सिब्बल
वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल को पहले से ही अंदाजा था कि अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सरकार के पक्ष में ही आएगा। सुप्रीम कोर्ट के सोमवार के फ़ैसले से पहले ही कपिल सिब्बल ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘कुछ लड़ाइयां हारने के लिए लड़ी जाती हैं। इतिहास को आने वाली पीढ़ियों के लिए असुविधाजनक तथ्यों को दर्ज करना चाहिए। संस्थागत कार्यों के सही और गलत पर आने वाले वर्षों में बहस होगी।
अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट का जिस तरह का फ़ैसला आया है उसकी भविष्यवाणी वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने पहले ही कर दी थी। अनुच्छेद 370 को चुनौती देने वाले कुछ याचिकाकर्ताओं के वकील सिब्बल ने पहले ही आशंका जता दी थी कि वह केस हार रहे हैं। ऐतिहासिक निर्णयों की नैतिक दिशा में इतिहास ही अंतिम मध्यस्थ होता है।’
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा खत्म करने के केंद्र के कदम का समर्थन किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 2019 में अनुच्छेद 370 को ख़त्म करने का फ़ैसला संवैधानिक था। इसने यह भी कहा कि यह अस्थायी प्रावधान है और राष्ट्रपति इसे रद्द कर सकते हैं। इसके साथ ही इसने कहा कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल करने के लिए क़दम उठाए जाने चाहिए। इसके साथ ही इसने अगले साल चुनाव कराने का आदेश दिया।
(जेपी सिंह वरिष्ठ पत्रकार एवं कानूनी मामलों के जानकार हैं।)
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