लखनऊ। आज ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने लखनऊ विश्वविद्यालय में समाजवादी छात्र सभा के साथ मिलकर विवि प्रशासन द्वारा नई शिक्षा नीति को लागू करने के तहत शुरू किए जा रहे चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया।
गौरतलब है कि बीते दिनों लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन ने आगामी सत्र से नई शिक्षा नीति के प्रावधानों को लागू करने की दिशा में एक कदम बढ़ाते हुए चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रमों (FYUP) की शुरुआत का फैसला लिया है। इस तरह के कार्यक्रम ‘मल्टीपल एग्ज़िट’ के छद्म आज़ादी के नारे की आड़ में ‘जितनी फीस भरने की क्षमता, उतनी शिक्षा’ की नीति को प्रोत्साहित करते हैं।
शिक्षा को एक सामाजिक कल्याण का साधन न मानकर एक उत्पाद के रूप में देखने की वकालत करने वाली नई शिक्षा नीति में ऐसे कई तरह के प्रावधान हैं जो वंचित समूहों से आने वाले विद्यार्थियों की सुनियोजित बेदखली का फरमान साबित होंगे। आइसा का कहना है कि वह इस तरह की हर नीति और नीयत का विरोध करता है।
आइसा ने मांग की है कि विश्वविद्यालय प्रशासन तत्काल इस विभेदकारी नीति को वापस ले, रेगुलर कोर्सों में सीटें बढ़ाए तथा ‘सेल्फ फाइनेंस’ के नाम पर विद्यार्थियों से मोटी फीस वसूलना बन्द करे। साथ ही सीबीएसई एवं आईसीएसई बोर्ड की इम्प्रूवमेंट परीक्षाओं के मद्देनज़र उसकी यह भी मांग है कि कल यानि 25 अगस्त से शुरू हो रही विवि की स्नातक कार्यक्रमों की प्रवेश परीक्षाओं की तिथियों में संशोधन किया जाए ताकि वे सभी छात्र/छात्राएं जो कि सीबीएसई/आईसीएसई की इम्प्रूवमेंट की परीक्षा देने वाले हैं, वे भी लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा देने से वंचित न रहें।
विरोध प्रदर्शन में मुख्य रूप से आइसा से प्राची मौर्य, आदर्श शाही, निखिल राज, आदित्य, तुषार, यश समेत समाजवादी छात्रसभा के कार्यकर्ता शामिल रहे।
(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)
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