हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर की अगुवाई वाली भाजपा सरकार किसी भी सूरत में किसान आंदोलन को कुचलना चाहती है। बुधवार को पंजाब के युवा किसान शुभकरण की मौत हरियाणा पुलिस की ओर से चलाई गई बुलेट लगने से हुई। रबर बुलेट उसके सिर पर लगी और बठिंडा का रहने वाला तेईस वर्षीय किसान शुभकरण मौत को हासिल हो गया। हरियाणा पुलिस से टकराव में पंजाब के लगभग 60 किसान गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं।
पुलिस और किसानों के हिंसक झड़प के बाद पंजाब और हरियाणा सरकारों के बीच तनाव बढ़ गया है। सूबे के लोगों में रोष व्याप्त है और सियासत गर्मा गई है। आम राय है कि हरियाणा सरकार और पुलिस किसानों का दिल्ली कूच रोकने के लिए बर्बरता की सारी हदें तोड़ रही है। हरियाणा और पंजाब बेशक पड़ोसी हैं लेकिन कई मुद्दों को लेकर दोनों राज्यों के बीच तकरार और टकराव का पुराना इतिहास है। मौजूदा किसान आंदोलन ने इसमें नया अध्याय जोड़ दिया है।
हरियाणा सरकार दिल्ली के इशारे पर ‘ऑपरेशन एंटी किसान आंदोलन’ चल रही है। हासिल जानकारी के मुताबिक घटनाक्रम के पल-पल की जानकारी दिल्ली भेजी जा रही है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और राज्य के गृहमंत्री अनिल विज वही कर रहे हैं; जो उनसे केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से कहा जा रहा है। किसान आंदोलन की बाबत फिलहाल केंद्रीय सरकार की नीति स्पष्ट है कि किसानों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रवेश न करने दिया जाए। अब राष्ट्रीय मीडिया के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय मीडिया की निगाहें भी किसान आंदोलन-2 पर लग गईं हैं। हरियाणा पुलिस और किसानों के बीच हिंसक टकराव तथा एक युवा किसान की इसके चलते हुई मौत के बाद तो और भी ज्यादा!
जहां हरियाणा सरकार डटकर आंदोलनरत किसानों की हर तरह से मुखालफत कर रही है; वहीं पंजाब की भगवंत मान की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार खुली हिमायत। खनौरी में पुलिस के हाथों मारे गए किसान शुभकरण सिंह की मौत को मौत को पंजाब के मुख्यमंत्री मान ने हत्या करार देते हुए बाकायदा कहां है कि युवा किसान की मौत की जांच पंजाब सरकार कराएगी और ‘गुनहगारों’ को सजा दिलाई जाएगी।
राज्य सरकार इस मामले में एफआईआर दर्ज करने जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि शुभकरण के परिवार को राज्य सरकार आर्थिक सहायता देगी। वह दो बहनों का इकलौता भाई था और परिवार का सहारा। हरियाणा सरकार और पुलिस के जुल्म ने एक गरीब घर बर्बाद कर दिया। शुभकरण के पास महज दो एकड़ जमीन थी। वह उसे बचाने के लिए आंदोलन का हिस्सा बना था। ऐसे न जाने कितने किसान हैं। केंद्र और हरियाणा सरकार को सोचना चाहिए।
सूबे के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा कहते हैं, “किसानों पर गोली चलाना भाजपा सरकार की कायराना हरकत है। पंजाब और देश का किसान अपनी जायज मांगों को लेकर आंदोलन तथा संघर्ष कर रहा है।”
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह के अनुसार हरियाणा बॉर्डर पर लोकतंत्र का सरेआम कत्ल हो रहा है। किसान और केंद्रीय सरकार की बातचीत बेनतीजा रही तो यकीनन किसानों पर और ज्यादा कहर टूटेगा। इसी के मद्देनजर पंजाब के हरियाणा के साथ लगते जिलों मोहाली, पटियाला, संगरूर, बरनाला, बठिंडा, मानसा और मुक्तसर साहिब के सरकारी अस्पतालों में जख्मी किसानों के ईलाज की पूरी तैयारी की गई है। कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुडिया और कैबिनेट मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने भी हरियाणा पुलिस की ओर से किसानों पर किए जा रहे बल प्रयोग की कड़ी निंदा की है।
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा है कि किसानों पर गोली चलाना शर्मनाक है। इससे हालात बिगड़ रहे हैं। शिअद के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बिक्रमजीत सिंह मजीठिया का कहना है कि अगर किसान आंदोलन थोड़ा सा भी हिंसक हुआ तो जिम्मेदार केंद्र और हरियाणा सरकार होगी।
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष व विधायक अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग मुख्यमंत्री भगवंत मान से की है। वडिंग कहते हैं, “राज्य कांग्रेस ने पंजाब के किसानों के खिलाफ हरियाणा पुलिस के अराजक रवैये के विरोध में मुख्य सचिव को ज्ञापन दिया है। हरियाणा पुलिस की बर्बरता के चलते कई किसानों को गंभीर चोटें लगी हैं और दिनदहाड़े एक इक्कीस साल का युवा किसान शुभकरण सिंह मारा गया। भाजपा सरकार के हाथ उसके खून से रंगे हैं।”
इस बीच पंजाब के वरिष्ठ भाजपा नेताओं के घरों के बाहर और तमाम टोल प्लाजा पर किसानों का दिन-रात का धरना प्रदर्शन जारी है। ठंड से बेपरवाह किसान शांति के साथ डटे हुए हैं। गौरतलब है कि किसान शुभकरण की मौत और बुधवार के घटनाक्रम के बाद सूबे भर से किसानों के जत्थे हरियाणा बॉर्डर की ओर जा रहे हैं।
(पंजाब से अमरीक की रिपोर्ट।)
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