चंडीगढ़। कीर्ति किसान यूनियन की राज्य कमेटी ने कल चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर सीआईएसएफ कर्मचारी कुलविंदर कौर और कंगना रनौत के बीच हुई झड़प के लिए कंगना रनौत को व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेदार ठहराया है। इस व्यवहार को खराब साम्प्रदायिक राजनीति की अभिव्यक्ति करार दिया गया है।
घटना के बाद केकेयू ने कंगना रनौत और उनकी बहन की पंजाब और किसानों के खिलाफ बयानबाजी को समुदायों के बीच तनाव और नफरत फैलाने वाला भाषण बताया और इसलिए कंगना रनौत के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है।
यूनियन ने कांस्टेबल कुलविंदर कौर को बिना जांच के सस्पेंड करने की निंदा की है और कहा है कि एयरपोर्ट की सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक की जानी चाहिए।
कीर्ति किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष निर्भय सिंह ढुडीके और प्रदेश प्रेस सचिव रमिंदर सिंह पटियाला ने प्रेस को बयान जारी करते हुए कहा कि घटना के बारे में जो जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबिक सिपाही कुलविंदर कौर ने अपनी ड्यूटी के तहत सुरक्षा जांच के लिए कंगना रनौत से अपना मोबाइल फोन और पर्स आदि ट्रे में रखने को कहा, लेकिन अहंकार में आकर कंगना ने कुलविंदर कौर के साथ बदतमीजी की और उन्हें “कौर खालिस्तानी” कहा। इसके जवाब में कुलविंदर कौर ने हाथ उठा दिया।
किसान नेताओं ने कहा कि कंगना रनौत ने महिला आंदोलनकारियों के बारे में जिस अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया है, उससे पंजाब के लोगों में कंगना रनौत के खिलाफ व्यापक गुस्सा है। दिल्ली मार्च के दौरान किसानों ने रोपड़ में उनकी कार को घेर लिया था, तब उन्होंने अपनी खराब भाषा के लिए माफी मांगी थी।
किसान नेताओं ने कहा कि घटना के बाद पंजाब में बढ़ते आतंकवाद और खालिस्तान को लेकर कंगना का बयान और घटना के बाद उनकी बहन का बयान धार्मिक समुदायों के बीच नफरत बढ़ाने के लिए बीजेपी और नरेंद्र मोदी की ध्रुवीकरण की राजनीति का हिस्सा है। किसान नेताओं ने इन बयानों के आधार पर कंगना रनौत के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग करते हुए कहा कि बीजेपी को कंगना रनौत की जुबान पर लगाम लगानी चाहिए और नफरत की राजनीति करना बंद करना चाहिए।
किसान नेताओं ने साफ कहा कि संगठन कुलविंदर कौर और उनके परिवार के साथ अन्याय नहीं होने देगा।
(मजदूर किसान यूनियन की प्रेस विज्ञप्ति)