पटना। शास्त्री नगर थाना क्षेत्र के पटेल नगर स्थित आसरा गृह में तथाकथित फूड पॉइजनिंग मामले में आज माले एमएलसी शशि यादव और आइसा-ऐपवा की नेताओं की एक टीम पीएमसीच पहुंची लेकिन प्रशासन ने नेताओं को पीड़ितों से मिलने नहीं दिया।
शेल्टर होम आश्रय की अनियमितता और बदइंतजामी की शिकार हुई इलाजरत लड़कियों से मिलने नहीं देना बताता है कि सरकार घटना पर पर्दा डालने में लगी हुई है।
वहां पर नियुक्त मजिस्ट्रेट स्नेहा और प्रभाकर पटेल ने पीड़िताओं से मिलवाने की बजाए नेताओं से बदतमीजी से पेश आए। माले ने उक्त मजिस्ट्रेट पर कार्रवाई की मांग की है।
नियंत्रण कक्ष ने बताया कि पीएमसीच में कुल 13 लड़कियां आई थी। दो की मौत हो चुकी है, दो डिस्चार्ज हो चुकी हैं, एक आईसीयू में है और सात लड़कियां सामान्य वार्ड में इलाजरत है।
इस प्रकार कुल 12 लड़कियां होती हैं यानी एक लड़की का अता-पता नहीं है। प्रशासन इसका जवाब नहीं दे पाया कि गिनती में यह अंतर्विरोध क्यों है?
उसके बाद टीम आसरा शेल्टर होम भी पहुंची लेकिन वहां भी घटना की जानकारी देने के लिए कोई तैयार नहीं हुआ। भोजन का जो चार्ट है उसमें 7 नवंबर का दिन बृहस्पतिवार का दिन है और खिचड़ी का कोई प्रावधान नहीं है।
कुल मिलाकर कई प्रकार के संदेह खड़े हो रहे हैं। 12 नवंबर को शेल्टर होम की रिपोर्ट के अनुसार 10 लड़कियां पीएमसीच में भर्ती हैं। कुल 43 लड़कियां इस आश्रय गृह में रहती हैं।
एमएलसी शशि यादव ने कहा कि यह सब प्रशासन के इशारे पर हो रहा है। सरकार को मामले की उच्चस्तरीय जांच करानी चाहिए लेकिन वह अपनी नाकामयाबियों को ढकने में लगी हुई है।
बिहार में शेल्टर होम पूरी तरह अराजकता की गिरफ्त में है। टीम में आइसा की राज्य अध्यक्ष प्रीति, आइसा नेता नीरज यादव व मयंक यादव और ऐपवा की नेता अनुराधा देवी शामिल थे।
(भाकपा माले की ओर से जारी।)