दिल्ली में हिंदू संगठनों ने चर्च पर किया हमला, महिलाओं के साथ मारपीट और बाइबिल फाड़ने की कोशिश

नई दिल्ली। देश में लंबे समय से अल्पसंख्यकों को टारगेट किया जा रहा है। जबकि पीएम मोदी ने जून के महीने में ही अपने अमेरिका यात्रा के दौरान अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव और मानवाधिकारों के उल्लघंन को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि “भारत एक लोकतंत्र है और जाति, पंथ, धर्म या लिंग के आधार पर किसी भी तरह का कोई भेदभाव नहीं होता है।”

इस भाषण के बाद भी देश में मणिपुर में लंबे समय से हिंसा जारी है। कुछ दिन पहले ही नूंह में हिंसा हुई और उसके बाद गुरुग्राम में मस्जिद को आग के हवाले कर दिया। मुस्लिम अपने काम और घरों को छोड़कर अपने गांव को वापस चले गए। यह मामला सिर्फ मुस्लिम समुदाय के साथ ही नहीं है। अल्पसंख्यक सूची में आ रहे बाकी धर्म के लोगों को ऐसी ही परेशानियों से दो-चार होना पड़ रहा है।

देश के अलग-अलग हिस्से में ईसाईयों पर लगातार हो रहे हमलों के बीच फरवरी में दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक विशाल विरोध-प्रदर्शन कर इस बारे में राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपा गया। लेकिन इसका कोई हल नहीं निकला। हाल के दिनों में कई बार विरोध-प्रदर्शन किया गया।

जय श्री राम और हिंदू राष्ट्र के नारे लगाए

ताजा मामला दिल्ली के जीटीबी एन्केलव के ताहिरपुर का है। जहां रविवार को “बजरंग दल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और विश्व हिंदू परिषद (विहिप)” के कुछ लोगों ने चर्च पर हमला किया। हमला उस वक्त किया गया जब वहां रविवार को प्रार्थना सभा हो रही थी। जिसमें लोगों को मारापीटा भी गया है।

चर्च के पादरी सतपाल भाटी से जनचौक की टीम ने बातकर इस पूरे घटनाक्रम के बारे में जानने की कोशिक की है। उन्होंने बताया कि हर रविवार की तरह 20 अगस्त की सुबह भी साढ़े दस बजे के करीब सिय्योन प्रार्थना भवन में प्रार्थना सभा हो रही थी। चर्च में करीब 30 से 35 लोग थे। यह प्रार्थना मेरे घर के ही ग्राउंड फ्लोर में लंबे समय से चल रही है। ऊपर मेरा परिवार रहता है।

वह कहते हैं कि अचानक “जय श्री राम” “हिंदू राष्ट्र बनाएंगे” के नारे सुनाई दिए। इतने में चर्च का ही एक लड़का शुभम उठाकर दरवाजा खोलता है। “यह एक भीड़ थी जिनके हाथ में डंडे और रॉड थे”। अंदर आते ही उन लोगों ने कहा कि यहां जो रहा है यह गलत हो रहा है। आप लोगों का धर्म परिवर्तन करा रहे हैं। हमने उन लोगों से कहा कि ऐसा कुछ नहीं है न ही यहां कोई नया व्यक्ति है। इतने में वह लोग गुस्से में कहने लगे “यह एक हिंदू राष्ट्र है, अब इस पर कोर्ट ने भी आदेश दे दिया है”। अब से यह सब नहीं चलेगा।

वह बताते हैं कि इतने में ही उन लोगों ने स्पीकर के साथ जोर-जोर से “जय श्रीराम” के नारे लगाना शुरु कर दिये। चर्च के लोग उनसे बैठकर बात करने गुजारिश की। लेकिन उन लोगों ने एक नहीं सुनी और शुभम, अभिषेक और एक लड़के को मारते हुए चर्च के अंदर ले आए।

यहां आने के बाद इन लोगों ने चर्च में पड़े बजाने वाले साज-सामान को तोड़ दिया। इसके साथ चर्च में लगी जीसस की तस्वीर को तोड़ दिया। यहां तक की बाइबिल को फाड़ने की कोशिश की गई।

दंगाइयों ने की कपड़े फाड़ने की कोशिश

चर्च में मौजूद महिला पुष्पा, पायल और एलिस को भी चोट लगी। इसमें से एक महिला के हाथ में रॉड से अंदरुनी चोट लग गई है। जनचौक को प्राप्त हुई वीडियो में महिलाएं घटना के बारे में बता रही हैं कि उनको रॉड से मारा गया। साथ ही एक लड़की यह कहती नजर आ रही है कि उन लोगों ने उनके कपड़े फाड़ने की भी कोशिश की।

इस घटना के बाद चर्च द्वारा जीटीबी एन्केलव थाने में एफआईआर दर्ज करवाई गई है। जिस वक्त चर्च के लोग थाने में एफआईआर दर्ज करने गए थे उसी सामय थाने के बाहर आरएसएस, विहिप, बजरंग दल के लगभग 100 लोग जय श्री राम के नारे लगाते हुए कह रहे थे कि वह धर्म परिवर्तन के प्रयास को सफल होने नहीं देगें।

द वायर की खबर के अनुसार अनमोल नाम के आरएसएस के कार्यकर्ता ने उनसे कहा कि “वे हिंदू बहुल इलाके में प्रार्थना क्यों कर रहे थे? कुछ दिनों में राखी आने वाली है ऐसे में हम अपने इलाके में धर्म परिवर्तन नहीं होने देगें।

हमने इन लोगों के बारे में पादरी सतपाल भाटी से पूछा कि क्या वह इनमें से किसी व्यक्ति को जानते थे? क्या कोई उनके आसपास के इलाके का था? इसका जवाब देते हुए वह कहते हैं कि भीड़ में से कोई भी व्यक्ति उनके आसपास का नहीं था। न वह किसी को जानते हैं।

साल दर साल ईसाईयों पर बढ़ रहे हैं हमले

आपको बता दें कि यूनाइटेड क्रिश्चियन फोरम के अनुसार दिसंबर 2022 तक देश के 21 राज्यों में ईसाईयों के खिलाफ हुए अत्याचार के 521 मामले दर्ज किए गए थे। जिसमें 2021 में 525 और 2022 में 600 मामले सामने आए। साल 2023 में 23 राज्यों में सबसे ज्यादा ईसाईयों पर हमले किए गए हैं। जिसमें सबसे ज्यादा 155 घटनाओं के साथ उत्तरप्रदेश अव्वल नंबर पर है और 84 घटनाओं के साथ छत्तीसगढ़ दूसरे नंबर पर है। वहीं दूसरी ओर सियासत डेली की रिपोर्ट के अनुसार साल 2022 में 599 हमले हुए । इस साल के पहले 190 दिन में 400 हमले के मामले दर्ज किए गए हैं।

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments