Thursday, March 23, 2023

गुजरात कांग्रेस के कद्दावर नेता रिजवान उस्मानी का निधन

Janchowk
Follow us:

ज़रूर पढ़े

636628897580125669
मुजम्मिल मेमन

सूरत। गुजरात प्रदेश कांग्रेस समिति के 59 वर्षीय वरिष्ठ नेता रिजवान अहमद उस्मानी को 26 मई 2018 को अचानक दिल का दौरा आया जिसके बाद उन्हें मुंबई स्थित कोकिलाबेन हॉस्पिटल ले जाया गया जहाँ 3 जून को उनका देहांत हो गया। 4 मई की रात्रि को रिजवान उस्मानी को अंतिम विदाई दी गई।

उस्मानी के अंतिम दर्शन के लिए 6 से सात हज़ार लोग पहुंचे थे। कांग्रेस पार्टी से जुड़े होने के कारण कांग्रेस सेवा दल के लोगों के अलावा अंतिम विदाई में बड़ी संख्या में दलित, मराठी व गुजराती शामिल रहे। अंबर कॉलोनी की मस्जिद वाले मैदान में नमाज़े जनाज़ा पढ़कर लिम्बायत कब्रिस्तान के लिए यात्रा निकली तो रास्ते भर जगह-जगह रोक कर लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किए। इस मौके पर कई जगहों पर दलित और मराठी महिलाएं दहाड़ मार-मार कर रो रही थीं। मानों उनके घर के ही किसी व्यक्ति का इन्तकाल हुआ हो। जन सैलाब के उमड़ने के कारण 20 मिनट के रास्ते को तय करने में 2 घंटे का समय लग गया।

जनचौक संवाददाता से बातचीत में सूरत शहर कांग्रेस प्रमुख हंसमुख भाई देसाई ने बताया कि “रिजवान उस्मानी गरीबों के मसीहा थे वह हर जाति धर्म के लोगों की मदद करते थे। वो न्याय के लिए लड़ते रहते थे। कई बार तो वो गरीबों को न्याय दिलाने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने से भी नहीं चूके। उनका दिल हर एक कार्यकर्ता के साथ मिला हुआ था। वो हमेशा छोटे कार्यकर्ता के बीच रहना पसंद करते थे।” देसाई बताते हैं कि उन्हें शहर प्रमुख बनाने में उस्मानी का ही बड़ा योगदान था। 

रिजवान उस्मानी नवसारी जिले के प्रभारी के साथ दक्षिण गुजरात में मज़बूत पकड़ रखते थे। परप्रांतीय नेता की छवि थी। उनके पिता उस्मान अहमद फारूकी उत्तर प्रदेश कांग्रेस के कद्दावर नेता थे। उस्मानी गुजरात कांग्रेस में महासचिव के पद पर रह चुके हैं। और वर्तमान में नवसारी जिले के प्रभारी थे। साथ ही एआईसीसी के बहुत पहले से सदस्य थे। अर्जुन सिंह उस्मानी के राजनैतिक गुरु थे।

उस्मानी उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ के रहने वाले थे। कारोबार की तलाश में सूरत आये और वहीँ के होकर रह गए। दूध, टेक्सटाइल का बड़ा कारोबार खड़ा किया। अमूल जैसे ब्रांड के सामने सतारा नाम से पैकेट दूध का ब्रांड खड़ा किया। लगभग 60000 लीटर दूध की सप्लाई केवल सूरत शहर में था। पूरा परिवार सेक्युलर विचारधारा का है।

वरिष्ठ पत्रकार कलीम सिद्दीकी बताते हैं “राजीव गांधी की पूण्यतिथि के मौके पर कार्यक्रम में शामिल होने अहमदाबाद आये थे तो मुझे उनके साथ पूरे दिन रहना पड़ा था। सर्किट हाउस में उनके अलावा कांग्रेस प्रभारी राजीव सातव, प्रदेश प्रमुख अमित चावड़ा और परेश धनानी भी ठहरे हुए थे उस्मानी को सब से अधिक चिंता इस बात की थी गुजरात में 1 करोड़ से अधिक परप्रांतीय हैं। जन संख्या के अनुसार राज्य सभा में भी 2 से 3 सांसद होना चाहिए था। इतनी बड़ी संख्या के साथ बीजेपी खुले आम अन्याय कर रही है फिर भी अधिकतर परप्रांतीय बीजेपी के साथ जुड़े हैं। उस्मानी का मानना था अगर परप्रांतीय युवा का बीजेपी से मोह भंग हो जाए तो शहरी इलाके में कांग्रेस की खराब दशा सुधर सकती है। जिस प्रकार से हार्दिक और जिग्नेश ने अपने समाज को जागरूक किया है उसी प्रकार से परप्रांतीयों को भी अन्याय के खिलाफ खड़ा करने की आवश्यकता है इस दिशा में वह आगे बढ़ रहे थे।” 

उस्मानी के देहांत की खबर आते ही वरिष्ठ नेता शक्ति सिंह गोहिल ने ट्वीट कर कहा कि “ सूरत के वरिष्ठ नेता और एआईसीसी मेम्बर जनाब रिजवान उस्मानी जी के इंतकाल की खबर सुनकर दुखी हूं इस दुःख की घड़ी में मेरी शोक संवेदनाएं रिजवान उस्मानी जी के परिवार के साथ हैं।” अहमद पटेल सहित राज्य और केन्द्रीय कांग्रेस नेताओं ने शोक के साथ अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। प्रदेश कांग्रेस ने उस्मानी के देहांत को पार्टी के लिए बड़ी क्षति बताया है।

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of

guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest News

अमृतपाल सिंह खालसा पर पंजाब के सियादी दलों ने खोली जुबान 

पंजाब में 'ऑपरेशन अमृतपाल सिंह खालसा' पर सियासत होने लगी है। शनिवार से अमृतपाल सिंह की धरपकड़ की कवायद...

सम्बंधित ख़बरें