संत कबीर नगर: होली के दिन दबंगों ने 21 घरों में लगाई आग, भाकपा-माले के जांच दल ने पीड़ितों से की मुलाकात

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लखनऊ। भाकपा-माले के छह सदस्यीय जांच दल ने संत कबीर नगर के कर्री गांव का दौरा किया और बुधवार को जांच रिपोर्ट जारी की। होली के दिन (14 मार्च को) सामंती दबंगों ने कर्री गांव के गरीब राजभर लोगों के 21 घरों को आग लगाकर जला दिया था और शारीरिक हमले किये थे, जिसमें घायल दो लोग अभी भी गोरखपुर मेडिकल कालेज में जीवन-मरण से जूझ रहे हैं।

पार्टी के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने बुधवार को यहां जांच रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि घटना के खिलाफ भाकपा (माले) 21 मार्च को राज्यव्यापी प्रतिवाद दिवस मनाएगी और बस्ती मंडलायुक्त कार्यालय पर धरना देगी। साथ ही कहा कि विवाद के पीछे भूमिहार जाति के दबंगों द्वारा होली के दिन डीजे बजाने की फरमाईश तो एक बहाना था। घरों में आग लगाने का मकसद गरीबों को उजाड़कर जमीन कब्जाना है।

जांच दल का नेतृत्व पार्टी की राज्य समिति के सदस्य राजेश साहनी ने किया। जिला मुख्यालय (खलीलाबाद) से 12 किलोमीटर दूर महुली थाना क्षेत्र के कर्री गांव में मंगलवार (18 मार्च) को जांच दल के पहुंचते ही पूरी बस्ती की महिला, पुरुष एवं बच्चे एक जगह जुट गए और दल के सदस्यों को सिलसिलेवार बातें बताईं।

जांच दल को निर्मला, रेशमा, रिंकी, प्रियंका, चंद्रभान, विवेक व पवन ने बताया कि होली के दिन राजभर बस्ती के लड़के डीजे बजा रहे थे। उसी समय गांव के पूजन राय, गोपाल राय सहित पंद्रह-बीस की संख्या में भूमिहार बिरादरी के नशे में धुत्त लोग आए और अश्लील गीत बजाने के लिए लड़कों पर जबरन दबाव बनाने लगे। राजभर लड़कों ने डीजे बंद कर दिया और अश्लील गीत बजाने से इंकार कर दिया। 

इससे गुस्साए इन लोगों ने डंडों-लाठियों से मारना-पीटना शुरु कर दिया। घरों में घुसकर गाली गलौज करने लगे और महिलाओं के विरोध करने पर उग्र हो गए। ये हमलावर बस्ती से बिल्कुल सटे जय प्रकाश यादव की छत पर चढ़कर राजभर लोगों के घरों पर ईंट-पत्थर चलाने लगे। 

पीड़ित लोगों ने बताया कि जय प्रकाश यादव, जो खुद खलिहान की जमीन पर कब्जा कर पक्का घर बना लिए हैं, राजभर बस्ती से खुन्नस रखते हैं। जय प्रकाश ने डीजल व माचिस हमलावरों को उपलब्ध कराई। हमले में महिलाओं, बच्चों सहित दर्जन भर लोग घायल हुए। संतराम (50, पुत्र स्व. चौथी) और अनिल (50, पुत्र स्व. काशी) मरणासन्न होकर मेडिकल कालेज में भर्ती हैं।

गांव के कौसूर व विवेक राजभर ने बताया कि लगभग 60 डिसमिल घूरगड्ढा की जमीन है, जो भूमिहार टोला के उत्तर सड़क के किनारे स्थित है। उस पर 21 राजभर परिवार 50 वर्षों से बसे हुए हैं। 15-20 वर्ष पूर्व तत्कालीन ग्राम प्रधान ने डेढ़-डेढ़ कठ्ठा नाप कर प्रति परिवार को जमीन दी थी। जिन्हें जमीन मिली, उनमें राजभरों के अलावा प्रजापति, गौण व सुनार बिरादरी के एक-एक परिवार भी हैं। 

यह सब भूमिहार लोगों को रास नहीं आई। उन लोगों ने एसडीएम कोर्ट में इन बसे हुए परिवारों को हटाने के लिए मुकदमा कर दिया। परिवारों पर जुर्माना लगा और इन परिवारों ने जुर्माना जमा भी किया। इसकी रसीद अभी भी 5-7 लोगों के पास मौजूद है। जबकि राजभर बस्ती से सटे पूरब की तरफ एक बीघा कीमती बंजर भूमि पर दबंग भूमिहार लोग खुद कब्जा जमाये हुए हैं।

पीड़ितों ने बताया कि हमले के दिन दो-ढाई बजे मारपीट, आगजनी की सूचना देने के बाद भी 12 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय से एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड व पुलिस की गाड़ी तब पहुंची, जब  पूरी बस्ती जलकर राख हो गई। हमलावरों में से चार-पांच लोगों की गिरफ्तारी की बात बताई जा रही है, जिसकी पुष्टि नहीं हुई है।

डीएम और एसपी अभी तक गांव में नहीं पहुंचे हैं। जिला प्रशासन की ओर से अभी तक कोई राहत सामग्री, खाद्यान्न, कपड़ा व दवा-इलाज के लिए पैसा नहीं दिया गया है। सरकार के मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कोरा आश्वासन व इलाज के लिए नाममात्र की राशि दी। महिलाओं ने जांच दल से आशंका जताई कि अभी भी हमलावरों की ओर से दोबारा हमला हो सकता है। इस तरह की धमकियां दी जा रही हैं।

भाकपा (माले) जांच दल ने मांग की है कि तत्काल जले हुए घरों को प्रधानमंत्री आवास देकर बनवाया जाए। उक्त जमीन पर बसे गरीब राजभर परिवारों को पट्टा देकर उसका कागज दिया जाए। प्रत्येक परिवार को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा दिया जाए। घायलों का निःशुल्क इलाज कराया जाए। सभी हमलावरों को गिरफ्तार कर सख्त सजा दी जाए। डीएम व एसपी को त्वरित कार्रवाई न करने व संवेदनहीनता के लिए दंडित किया जाए। प्रत्येक परिवार को छह माह के लिए राशन, कपड़ा सहित जीवनोपयोगी आवश्यक वस्तुएं मुफ्त दी जाएं। 

जांच दल ने कहा कि भाजपा राज में हर त्यौहार हर्ष-उल्लास से मनाने की जगह, विषाद और तनाव के रूप में ही बीत रहा है। होली पर भी यही हाल रहा। भाजपाई इन अवसरों का गरीबों, दलितों व मुसलमानों की आबादी पर कहर बरपाने में बखूबी उपयोग कर रहे हैं। उनके निशाने पर गरीबों की जमीन, दुकान, मकान व व्यवसाय पहले से रहता है। संत कबीर नगर की घटना भी इससे जुदा नहीं है। 

जांच दल के अन्य सदस्यों में भाकपा (माले) राज्य समिति के सदस्य राकेश सिंह (गोरखपुर जिला सचिव), रामलौट (बस्ती जिला प्रभारी), जिला टीम के सदस्य दीनदयाल यादव, नंदकुमार नाग व मोहम्मद रफीक शामिल थे।

(प्रेस विज्ञप्ति)

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