लोकतंत्र बचाओ अभियान का एक प्रतिनिधिमंडल खूंटी सांसद कालीचरण मुंडा से मिलकर क्षेत्र के जन मुद्दों और समस्याओं पर चर्चा की, वहीं तीनों नए अपराधिक कानून-भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता व भारतीय साक्ष्य संहिता के कार्यान्वयन पर तुरंत रोक लगाने को लेकर कहा गया कि इन दमनकारी जन विरोधी कानून का प्रमुख उद्देश्य है अलोकतांत्रिक पुलिसिया राज की स्थापना करना, अतः इसपर रोक लगनी चाहिए। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि सांसद को संसद में 2011 से लंबित जनगणना को तुरंत करवाने की मांग भी रखनी चाहिए। जनगणना में विलम्ब के कारण आज करोड़ों लोग अनेकों अधिकारों व योजनाओं से वंचित हो रहे हैं।
प्रतिनिधिमंडल ने सांसद का ध्यान आदिवासियों के धर्म कोड की ओर खींचते हुए कहा कि जल्द से जल्द सरना कोड लागू किये जाने को लेकर सांसद सदन में बात उठाएं। वहीं प्रतिनिधिमंडल ने मुंडारी, हो, कुडुख समेत सभी आदिवासी भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने पर भी चर्चा की।
प्रतिनिधिमंडल ने क्षेत्र के कई विशेष मुद्दों पर कार्यवाई की मांग की और कहा कि खूंटी व सिमडेगा में CNT कानून का उल्लंघन कर जितनी भी आदवासी ज़मीन फर्जी तरीके से गैर-आदिवासियों को हस्तांतरित की गई है, खूंटी शहर के अगल-बगल चारों ओर जमीन दलालों के द्वारा जमीन का कारोबार किया जा रहा है और गलत तरीके से जमीन पर कब्जा किया जा रहा है, को तुरंत रोक लगे और कब्ज़ा की गई ज़मीन की वापसी हो।
लोकसभा क्षेत्र में कई विद्यालयों में जबरन स्थापित सुरक्षा बलों (सीआरपीएफ) के कैंपों को तुरंत हटाया जाए एवं बिना ग्राम सभा की सहमती से स्थापित किये गए हर कैंप को हटाने की समय सीमा तय हो।
यह भी देखा गया है कि खूंटी व सिमडेगा में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ रहे हैं। साथ ही भाजपा, आरएसएस व इनसे जुड़े संगठनों द्वारा आदिवासी-बहुल क्षेत्रों में आदिवासियत के विपरीत हिंदुत्व को जबरन स्थापित करने की लगातार कोशिश हो रही है, इन पर पूर्ण रोक लगे।
प्रतिनिधिमंडल ने क्षेत्र में पलायन, शिक्षा व स्वास्थय के मुद्दे भी उठाये और बताया कि क्षेत्र के हज़ारों युवा रोज़गार के लिए पलायन करते हैं। रोज़गार दिलाने के नाम पर अनेकों महिलाएं मानव तस्करी का शिकार भी बन जाती हैं। इनके सहयोग के लिए विशेष कोषांग की स्थापना की जाए और स्थानीय रोज़गार की व्यवस्था हो।
सभी विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति की जाए। क्षेत्र के उपस्वास्थ्य केन्द्रों व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पर्याप्त संख्या में डॉक्टर हों, उनकी उपस्थिति नियमित रूप से रहे, दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित हो और सदर अस्पतालों को दुरुस्त किया जाए।
बता दें कि पिछले लोकसभा 2024 के चुनाव में झारखंड की 14 सीटों में आदिवासी आरक्षित 5 सीटों पर इंडिया गठबंधन की जीत हुई। यानी इन सीटों पर मोदी फैक्टर काम नहीं किया। गठबंधन के इस जीत के कारणों पर प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि अभियान ने पिछले 1.5 साल से लगातार खूंटी समेत राज्य की कई लोक सभा सीटों पर लोकतंत्र पर मंडरा रहे खतरों और जन मुद्दों पर लोगों को जागरूक और संगठित किया था। इसका परिणाम खूंटी समेत राज्य के पांचो आदिवासी सीटों पर देखने को मिला है। इस दौरान क्षेत्र के अनेक मुद्दे सामने आये हैं, जिनपर सांसद को कार्यवाई करनी चाहिए।
प्रतिनिधिमंडल ने सांसद से कहा कि खूंटी की जनता ने चुनाव में स्पष्ट रूप से संविधान और लोकतांत्रिक अधिकारों के पक्ष में निर्णय लिया है। इसलिए यह आशा है कि सांसद मोदी सरकार की हर जन विरोधी, संविधान विरोधी व समाज को बांटने वाली नीति व योजना का सड़क से संसद तक विरोध करेंगे।
प्रतिनधिमंडल ने मोदी सरकार के कई नीतियों व योजनाओं पर सांसद का ध्यान केन्द्रित किया, जिन्हें तुरंत रद्द करना चाहिए। आदिवासी-विरोधी नीतियों जैसे भूमि स्वामित्व कार्ड परियोजना, वन संरक्षण अधिनियम संशोधन 2023 व व्यवसायिक खनन नीति को रद्द करना चाहिए।
क्षेत्र में बिना ग्राम सभा की सहमती के बन रही भारतमाला परियोजना को तुरंत रोका जाना चाहिए। आने वाले दिनों में ऐसी किसी भी परियोजना को लागू नहीं करना चाहिए जो आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करती है व जिसमें ग्राम सभा ने सहमती नहीं दी है।
प्रतिनिधिमंडल ने सांसद से यह भी मांग की कि सांसद प्रतिनिधियों व विभिन्न प्रकोष्ठों के चयन में आदिवासियों को प्राथमिकता दी जाए। साथ ही हर सभी विधान सभा में सांसद कार्यालय खोला जाए ताकि लोग अपनी समस्याओं को सांसद तक आसानी से पहुंचा सके।
प्रतिनिधिमंडल में अजय एक्का, अम्बिका यादव, असिशन बिलुंग, बासिंह मुंडा, बिनसाय मुंडा, एलिना होरो, मानसिंह मुंडा, नंदराम मुंडा, प्रवीर पीटर, रेजिना टोप्पो, सुशांत खेस्स, सिराज दत्ता, ठाकुरा मुंडा व उदय सिंह मुंडा शामिल थे।
(लोकतंत्र बचाओ अभियान की प्रेस विज्ञप्ति)