मऊ। समाज में मौजूद आर्थिक और सामाजिक असमानता को दूर करने के लिए दलित, आदिवासी, अति पिछड़े वर्ग, पसमांदा मुसलमान और महिलाओं जैसे वंचित समुदाय के विकास के लिए ‘सब प्लान’ की घोषणा होनी चाहिए और शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
यह बातें आज राहुल सांकृत्यायन सृजन पीठ में आयोजित विचार गोष्ठी में आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के संस्थापक अखिलेंद्र प्रताप सिंह ने कही। वह आज रोजगार अधिकार अभियान के लिए मऊ दौरे पर आए हुए थे।
विचार गोष्ठी में उन्होंने कहा कि आज युग परिवर्तन हो रहा है। यह युग औद्योगिक पूंजी का नहीं बल्कि वित्तीय पूंजी का है। ऐसे में आंदोलन के नए तौर-तरीके और नारों को बनाना होगा और उसके अनुरूप काम करना होगा।
उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, खाली पड़े सभी सरकारी पदों को भरने, संवैधानिक सम्मानजनक जीवन की गारंटी और इसके लिए कॉरपोरेट घरानों की संपत्ति पर उचित कर लगाकर संसाधन जुटाने के कार्यक्रम पर रोजगार अधिकार अभियान राष्ट्रीय स्तर पर चल रहा है।
जिसमें इन मांगों से सहमत सभी लोगों को एकताबद्ध होना चाहिए। उन्होंने लोगों से अपील की कि रोजगार अधिकार अभियान की सलाहकार व संचालन समिति में मऊ से भी लोग शामिल हो।
उन्होंने कहा कि आज जनता के सवालों को हल किया जा सकता है। बशर्ते की सरकार आर्थिक कुव्यवस्था को दूर करें और काली पूंजी की अर्थव्यवस्था पर लगाम लगाई जाए।

कहा कि निश्चित रूप से आंगनबाड़ी, बुनकर, असंगठित मजदूरों के वेतनमान, कर्मचारियों की पुरानी पेंशन और किसानों के लिए एमएसपी की गारंटी की जा सकती है और 48 लाख करोड़ के बजट के अतिरिक्त पूंजी जुटाई जा सकती है।
उन्होंने कहा कि डॉक्टर अंबेडकर जानते थे कि जातियों के बीच और जाति के अंदर भी असमानता है और इसे ही दूर करने के लिए उन्होंने सामाजिक अधिकारिता और आर्थिक मजबूती की बात की थी।
राज्य और अल्पसंख्यक जैसी किताब में उन्होंने कहा था कि उद्योग, बैंक और भूमि इन सबका राष्ट्रीयकरण करने की जरूरत है। आज संविधान में प्रदत्त न्याय, समता, बंधुत्व और मैत्रीभाव के सिद्धांतों पर हमला किया जा रहा है।
इसलिए देशभर के प्रतिनिधियों ने दलित एकता मंच का निर्माण किया है। समाज के वंचित समुदायों को इसके सामाजिक अधिकार अभियान में भी शामिल होना चाहिए।
राहुल सांकृत्यायन सृजन पीठ के निदेशक जय प्रकाश धूमकेतु ने कहा कि संस्कृति को राजनीति के आगे चलना चाहिए और संस्कृति कर्मियों को बड़े संवाद में जाना चाहिए।
गोष्ठी की अध्यक्षता लोकतंत्र सेनानी भंते राम अवध राम ने और संचालन राम भवन प्रसाद ने किया। गोष्ठी में वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता राघवेंद्र कुमार, किसान नेता शिवाजी राय, एआईपीएफ प्रदेश महासचिव दिनकर कपूर, अरविंद कुमार, एकबाल अहमद अंसारी, मोनू सोनकर, बृकेश यादव, देव प्रकाश यादव, जय राम भीम, कमलेश सोनकर, अरविंद मूर्ति, बच्चन शर्मा, अवैस असगर हाशमी, उदयराज यादव, अग्रेश मौर्य, बृजेश यादव, सोनू सोनकर, नजीर अहमद आदि ने भी अपनी बात रखी।
(प्रेस विज्ञप्ति)
+ There are no comments
Add yours