लखनऊ। भाकपा -माले ने योगी आदित्यनाथ सरकार के रिपोर्ट कार्ड को खारिज करते हुए कहा है कि गुजरे आठ वर्ष लोकतंत्र के लिए शर्मनाक रहे। बुल्डोजर-एनकाउंटर राज से देश के संविधान को सर्वाधिक क्षति पहुंची है। प्रदेश फासीवाद की प्रयोगशाला बन गया है।
पार्टी के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कहा कि संविधान पर उपस्थित खतरे के कारण ही उत्तर प्रदेश में 2024 के आम चुनाव में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा। मुख्यमंत्री का नफरती व विध्वंसकारी बुल्डोजर संविधान व न्यायपालिका की धज्जियां उड़ाते हुए मुस्लिमों सहित गरीबों के आशियाने और आजीविका को पूरे प्रदेश में रौंद रहा है। असहमति पर बुल्डोजर चल रहा है। अभिव्यक्ति की आजादी और नागरिक व लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमले हो रहे हैं।
माले नेता ने कहा कि सोमवार को प्रदेश सरकार इधर अपना रिपोर्ट कार्ड जारी कर रही थी, उधर उसी दिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा योगी सरकार की शासन व्यवस्था को प्रयागराज में बुल्डोजर कार्रवाई को लेकर फटकार लगाई जा रही थी। शीर्ष अदालत इसके पहले भी कानून के राज के ऊपर बुल्डोजर न्याय करने के लिए योगी सरकार को कड़ी फटकार लगा चुका है। प्रदेश में योगी का बुल्डोजर शासन तानाशाही, आतंक, दमन, विस्थापन, तबाही और जंगल राज का प्रतीक बन गया है।
माले राज्य सचिव ने कहा कि विकास कागजों में हुआ है। प्रदेश के ग्रोथ इंजन बनने की बात सफेद झूठ है। हाल ही में जारी सतत विकास लक्ष्यों (सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स – एसडीजी) के आंकड़ों के अनुसार भारत के 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में उत्तर प्रदेश का स्थान नीचे से दूसरा है, जो सिर्फ बिहार से ऊपर है। पांच मुख्य विकास लक्ष्यों – गरीबी खत्म करने (एसडीजी 1), भूखमरी मिटाने (एसडीजी 2), अच्छे स्वास्थ्य व कल्याण (एसडीजी 3), गुणवत्तापूर्ण शिक्षा (एसडीजी 4) और सम्मानजनक रोजगार व आर्थिक वृद्धि (एसडीजी 8) में उत्तर प्रदेश का स्कोर दयनीय है।
माले नेता ने कहा कि योगी राज में प्रदेश महिलाओं और दलितों के उत्पीड़न की घटनाओं में अव्वल बना हुआ है। सरकार के दावों और सच्चाई में आकाश-पाताल का अंतर है। सरकार बेटी बचाओ की बात करती है, लेकिन बलात्कारियों-अपराधियों का संरक्षण करती है। उन्नाव से लेकर आईआईटी बीएचयू की घटनाएं गवाह हैं। दबंगों और सामंती ताकतों का बोलबाला है। संत कबीर नगर में गरीबों के घर जला दिए गए। बलिया के नगरा थानाक्षेत्र में गरीब की लड़की को रेप के बाद हत्या कर पेड़ से लटका दिया गया। सूदखोरों और माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के आतंक से गरीब आत्महत्या कर रहे हैं। बस्ती, महाराजगंज, कुशीनगर आदि जिलों में हाल में ऐसी घटनाएं हुई हैं।
राज्य सचिव ने कहा कि योगी सरकार में सांप्रदायिक घृणा, नफरत और ध्रुवीकरण की राजनीति बदस्तूर जारी है। प्रशासन के संरक्षण में सांप्रदायिक हमले की घटनाएं हुई हैं। बहराइच और संभल हुआ। असल दोषियों को बचाया गया और पीड़ितों को ही आरोपी बना दिया गया। उन्नाव में होली के दिन एक मुस्लिम (शरीफ) की पीट पीट कर हत्या कर दी गई। यह कैसा शासन है, जिसमें अल्पसंख्यक, दलित, महिला, आदिवासी और अन्य कमजोर वर्ग पहले से ज्यादा असुरक्षित हुए हैं! भाजपा सरकार देश के संविधान के बजाय मनुस्मृति से मार्गदर्शन हासिल करती है, जो संघ के चिरवांछित हिन्दू राष्ट्र का आधार है।
माले नेता ने कहा कि भ्रष्टाचार व अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस सिर्फ दिखावा है। सच्चाई यह है कि सरकार गले तक भ्रष्टाचार में डूबी है और अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। ऊंचे पदों पर अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। हाल ही में वरिष्ठ अधिकारी भ्रष्टाचार में पकड़े गए हैं। कमीशनखोरी आम है। कानून व्यवस्था गर्त में है। बेरोजगारी चरम पर है। 69,000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण की चोरी हुई। स्वास्थ्य व्यवस्था व शिक्षा का बुरा हाल है। किसानों की भूमि का जबरिया अधिग्रहण हो रहा है। बेदखली और निजीकरण को बढ़ावा देकर सरकार कारपोरेट के हित के लिए काम कर रही है।
(प्रेस विज्ञप्ति)
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