प्रकाश करात बोले-गांधी के हत्यारों की हमें करनी होगी पहचान, माकपा का तीन दिवसीय राज्य सम्मेलन इलाहाबाद में शुरू

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मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(माकपा) के पूर्व महासचिव प्रकाश करात ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारों की हमें पहचान करनी होगी। महात्मा गांधी के सिद्धांतों के विपरीत विचारधारा वाले शासन और सत्ता में हैं। सुनियोजित तरीके से गांधी जी के विचारों को समाप्त किया जा रहा है। सामाजिक सौहार्द्र को तोड़ने का प्रयास लगातार हो रहा है।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी उत्तर प्रदेश का 23वां सम्मेलन सिविल लाइंस स्थित एक गेस्ट हाउस में शनिवार से शुरू हो गया। सम्मेलन तीन दिनों तक चलेगा। पहले दिन प्रकाश करात ने कहा कि मोदी सरकार देश के सेक्युलर और संघीय ढांचे को समाप्त करने पर आमादा है। मोदी सरकार आज न्यू इंडिया के निर्माण में लगी है, जिसमे हिंदुत्व और कारपोरेट का गठजोड़ एक नई भूमिका निभा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के हत्यारों का आरएसएस और केंद्र सरकार समर्थन कर रही है जिससे देश का माहौल खराब हो रहा है। सभी आपस में बंटते जा रहे हैं। किसान, गरीब, मजदूर और कर्मचारी विरोधी नीति के चलते जनता इस बार इन्हें सत्ता से बेदखल करेगी। किसान अपने अधिकार के लिए लड़ रहे हैं, लेकिन यह सरकार उनके आंदोलन को नजर अंदाज कर रही है।

उन्होंने कहा कि पांच अगस्त 2019 और पांच अगस्त 2020 की तिथियां क्रमशः भारत के संघीय और सेक्युलर ढांचे को ध्वस्त करने वाली तिथियां सिद्ध हुईं। जब जम्मू – कश्मीर को ध्वस्त करके तीन टुकड़ों मे बाँट दिया गया तथा राम मंदिर का शिलान्यास प्रधानमंत्री के द्वारा किया गया। इसी के साथ नागरिकता विरोधी क़ानून (सीएए, एनआरसी) देश के मुस्लिम समुदाय के प्रति मोदी सरकार के नफरत को व्यक्त करता है।

प्रकाश करात ने कहा कि न्यू इंडिया के अंतर्गत दूसरा काम कारपोरेट के द्वारा अंधाधुंध देश को लुटवाने का काम किया जा रहा है। कोरोना के दो चरणों में जहां देश में करोड़ों लोग रोजगार से हाथ धो बैठे तथा अर्थव्यवस्था अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई वहीं देश के कारपोरेट जगत की आमदनी दिन दूनी रात चौगुनी गति से आगे बढ़ रही है। गौतम अडानी की संपत्ति प्रति दिन 1000 करोड़ प्रतिदिन की दर से बढ़ रही है।

प्रकाश करातने कहा कि गौतम अडानी की संपत्ति अगर इसी प्रकार बढ़ती रही तो वह कुछ समय में मुकेश अंबानी से भी अधिक हो जाएगी। मोदी सरकार किसानों के प्रति कितनी क्रूर है यह किसानों के दस महीनों से चल रहे आंदोलन से स्पष्ट हो रहा है। विशाखापत्तनम स्टील प्लांट को बेचने के खिलाफ वहां के कर्मचारियों का शानदार आंदोलन चल रहा है। इस प्रकार मोदी सरकार के न्यू इंडिया प्रोग्राम के अंतर्गत देश के सेक्युलर, संघीय, प्रजातंत्र, पब्लिक सेक्टर, खेती किसानी और श्रमिक वर्ग के लिए कोई स्थान नहीं है।

उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए माकपा पोलित ब्यूरो की सदस्य सुभाषिनी अली ने कहा कि आज गांधी जयंती है और आज गांधी जी के आदर्श और मूल्यों पर सबसे बड़ा खतरा है। गांधी जी समाज के सबसे निचले तबके को ऊंचा उठाने और सांप्रदायिक सौहार्द को बनाने के लिए अपने जीवन को कुर्बान कर दिए। इसलिए गांधी जी का जीवन जितना महत्वपूर्ण है उससे ज्यादा उनकी मौत महत्वपूर्ण है।

सभा को माकपा सेंट्रल कमेटी सदस्य जेएस मजूमदार, उत्तर प्रदेश किसान सभा के सचिव मुकुट सिंह, डीपी सिंह, सुरेंद्र सिंह, उप्र खेत मजदूर संगठन के सचिव बीएल भारती, सीपीआई की तरफ से नसीम अंसारी, सीपीआई एमएल की तरफ से डॉ .कमल उसरी तथा जुबैर अहमद ने संबोधित किया। उद्घाटन सत्र का संचालन सीपीआई (एम) उत्तर प्रदेश के सचिव हीरालाल यादव तथा सचिव मंडल के सदस्य रविशंकर मिश्र ने किया।
उद्घाटन सत्र में वरिष्ठ अधिवक्ता तथा पीयूसीएल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविकिरण जैन, पूर्व विधायक अनुग्रह नारायण सिंह, स्वागत समिति के अध्यक्ष कॉ. हरिश्चंद्र द्विवेदी, जलेस से सुधीर सिंह, इलाहाबाद विश्वाविद्यालय से प्रो. अनीता गोपेश, प्रो सूर्यनारायण, प्रो. संतोष भदौरिया, प्रो बसंत त्रिपाठी, प्रो. सुनील विक्रम सिंह, लखनऊ विश्वविद्यालय से डॉ नलिन रंजन सिंह, ट्रेड यूनियन एटक से रामसागर, अनु सिंह, एजी ऑफिस से सुभाष चंद्र पांडेय, ऋषिश्वर उपाध्याय, हरिशंकर तिवारी, प्रगतिशील लेखक संघ से आनंद मालवीय, संध्या नवोदिता, सुरेंद्र राही, एक्टू से सुनील मौर्य, जाग्रत समाज से जफर बख्त, शुभी बख्त, आज़ादी बचाओ आंदोलन से मनीष सिन्हा, दिनेश यादव, जनरल इंश्योरेंस से हरिशंकर पांडेय, आरसी यादव, स्त्री मुक्ति आंदोलन से पद्मा सिंह, रश्मि मालवीय, झरना मालवीय समेत 42 जिलों के प्रतिनिधि और पर्यवेक्षक इस तीन दिन तक चलने वाले सम्मलेन के उद्घाटन सत्र मे उपस्थित रहे।
(जनचौक ब्यूरो की रिपोर्ट।)

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