नूंह हिंसा: क्या कहता है पंजाब का मुस्लिम मन?

पंजाब का पड़ोसी राज्य हरियाणा का दक्षिणी हिस्सा हिंसा में बेतहाशा सुलग रहा है। गुरुग्राम के सेक्टर 57 में एक मस्जिद पर हमले और मौलवी की वीभत्स हत्या पर पंजाब के मुस्लिम रहनुमाओं और बुद्धिजीवियों ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। नूंह प्रकरण में हुई हिंसा में पांच लोगों की मौत की पुष्टि सरकारी तौर पर की गई है और दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।

इस संवाददाता ने घटनाक्रम पर पंजाब के नामवर धार्मिक रहनुमाओं और बुद्धिजीवियों से विशेष बात की। हरियाणा की हर घटना का असर पंजाब पर जरूर पड़ता है। मुस्लिम समुदाय का एक खेमा नूंह हिंसा और गुरुग्राम में मस्जिद में तोड़फोड़ और आगजनी के बाद वहां के मौलवी को नृशंस तरीके से मार दिए जाने पर गहरे रोष में है। 

पंजाब की सबसे बड़ी मस्जिद लुधियाना के शाही इमाम मौलाना मोहम्मद उस्मान रहमानी के अनुसार, “नूंह में जो कुछ हुआ वह बाकायदा साजिश के तहत हुआ। राज्य सरकार हर स्तर पर असफल साबित हुई और हो रही है। लगता है कि हालात मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और राज्य के गृहमंत्री अनिल विज के काबू में नहीं हैं। किसी और विपक्षी पार्टी की सरकार में यह उत्पाद हुआ होता तो अब तक उसे बर्खास्त कर दिया जाता। वक्त का तकाजा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को वहां सीधा हस्तक्षेप करना चाहिए।”

उन्होंने कहा कि “मिल रही खबरों के मुताबिक दक्षिण हरियाणा के हालात अच्छे नहीं हैं। वहां के मुसलमान खुद को असुरक्षित मानते हैं। अवाम से मेरी अपील है कि वह अमन और सद्भाव बनाए रखें। दंगाइयों का कोई मजहब नहीं होता। मौलवी साहिब की हत्या बहुत बड़ा हादसा है। नवाज के दौरान और घरों में उनके लिए दुआ की जाए और मातम मनाया जाए। सड़कों पर आकर धरना-प्रदर्शन करने से फिलहाल गुरेज करना चाहिए। सरकार को चाहिए कि वह जल्द से जल्द दोषियों को गिरफ्तार करे ताकि लोगों का बेतहाशा टूट चुका मनोबल बहाल हो सके। नूंह प्रकरण ने पूरी दुनिया के आगे हमारा सिर झुका दिया है।” शाही इमाम कहते हैं कि चाहिए तो यह कि केंद्र हरियाणा सरकार को बर्खास्त करे या फिर मुख्यमंत्री और गृहमंत्री बदले। 

पंजाब ऑल इंडिया जमात-ए-सलमानी ट्रस्ट के मुखिया हाजी आबिद हसन सलमानी कहते हैं कि “नूंह हिंसा एक बड़ी साजिश का हिस्सा है। मस्जिद में घुसकर इमाम साहब को पीट-पीटकर मार देना अति दुखदायक है। देश का मुस्लिम मन इससे गहरे तक आहत हुआ है”। हाजी आबिद हसन सलमानी के मुताबिक नूंह के घटनाक्रम की फौरन न्यायिक जांच करवाई जानी चाहिए। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे शांति-भाईचारा बनाए रखें। पीड़ितों को फौरन से पेशतर राहत और इंसाफ मिलना चाहिए।

जमीयत उलमाहे-हिंद के नेता और एक मस्जिद के प्रधान मोहम्मद मजहर आलम कहते हैं, “नूंह और गुरुग्राम में जो भी कुछ हुआ, वह एक बड़ी साजिश का हिस्सा है। 2024 के आम लोकसभा चुनाव के मद्देनजर ध्रुवीकरण किया जा रहा है। मुसलमानों को इस देश में दोयम दर्जे का नागरिक बना दिया गया है। हाल के सालों में बड़े से बड़े दंगे में भी मस्जिद में घुसकर इमाम को बुरी तरह से प्रताड़ित करके मार देने की घटना नहीं हुई थी। इमाम की हत्या और मस्जिद में तोड़फोड़ तथा आगजनी जंगलराज की निशानी है”।

उन्होंने कहा कि “हरियाणा का खुफिया तंत्र पूरी तरह से फेल साबित हुआ। मुख्यमंत्री और राज्य के गृहमंत्री को तत्काल त्यागपत्र दे देना चाहिए। बलवा करने वालों का कोई मजहब नहीं होता और न उनमें इंसानियत होती है। जल्द से जल्द उन्हें गिरफ्तार किया जाए और मुकदमा दायर करके कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। उन पुलिस अधिकारियों पर भी विभागीय कार्रवाई होनी चाहिए जो फसाद रोकने में नाकामयाब रहे। नूंह और मेवात इलाके के मुसलमानों को किसी भड़कावे में नहीं आना चाहिए। शांति बरकरार रखने में अपना योगदान देना चाहिए।”

बुद्धिजीवी और लेखक मौलाना अनवर का कहना है कि, “नूंह घटना के पीछे बड़ी ताकतों की साजिश है और आम मुसलमान तक इसे समझता है। मुसलमानों को अपनी ओर से शांति बनाए रखना चाहिए। जब से हरियाणा में भाजपा सरकार आई है, तब से वहां-खासतौर से मेवात और नूंह इलाके में सांप्रदायिक तनाव बढ़ा है। यूपी की तर्ज पर यहां भी मुसलमानों का जीना शरारती तत्वों ने मुहाल किया हुआ है”।

उन्होंने कहा कि “शिकायतों के बावजूद सरकार कुछ नहीं करती तो इसका सीधा मतलब है कि उन्हें हुकूमत की शह है। फिलहाल तो नूंह और हरियाणा के तमाम इलाकों के मुसलमान खुद को खतरे में मान रहे हैं। गोरक्षा के नाम पर उनके साथ अमानवीय सुलूक रोजमर्रा की बात है। मीडिया तभी खबर बनाता है, जब किसी बेगुनाह को गोवध के नाम पर कत्ल कर दिया जाता है या गायों की तस्करी के झूठे इल्जाम में पकड़ा जाता है।”

जालंधर की इमाम नासिर मस्जिद और दरगाह से भी नूंह और दक्षिण हरियाणा के मुसलमानों से अपील की गई है कि “लोग शांति बनाए रखें। समाज में अगर बुरे तत्व हैं तो अच्छे भी हैं। उनकी सुध ली जाएगी”। मस्जिद के सदर हाजी नासिर ने कहा कि “हरियाणा सरकार लोगों की हिफाजत करने में नाकामयाब रही। उसे बने रहने का कोई हक नहीं”। मदरसे के मुखिया मौलाना मोहम्मद कहते हैं कि “मस्जिद में घुसकर इमाम साहिब को शहीद कर देना हर दिल को दहला देने वाली घटना है। इसीलिए हर मजहब के लोग इसकी कड़ी निंदा कर रहे हैं और इमाम साहिब के लिए दुआबंदगी”। तो यह है नूंह हिंसा को लेकर पंजाब का मुस्लिम मन।

(अमरीक वरिष्ठ पत्रकार हैं और पंजाब में रहते हैं।)

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मज़हर आलम पत्रकार
मज़हर आलम पत्रकार
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9 months ago

बहुत अच्छा
ऐसे मैसेज की इस वक्त बहुत सख्त जरूरत है।