नई दिल्ली। बिहार पुलिस ने बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगी परीक्षा (CCE) को रद्द करने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों का भी इस्तेमाल किया।
यह घटना पटना के होटल मौर्या के पास जे.पी. गोलंबर पर हुई। इस घटना के विरोध में आज पूरे सूबे में छात्रों का विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया है। कई जगहों पर रेल मार्ग को बाधित करने और ट्रेनों को रोकने की सूचनाएं आयी हैं।
70 वीं BPSC CCE परीक्षा 13 दिसंबर को राज्य के 912 केंद्रों पर आयोजित की गई थी, जिसमें 3.28 लाख अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था। परीक्षा के दिन, राजधानी पटना के बापू परीक्षा केंद्र से प्रश्न पत्र लीक होने की अफवाहें फैल गईं, जिसके बाद परीक्षा समाप्त होने पर अभ्यर्थियों ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया।
हालांकि, BPSC के अध्यक्ष परमार रवि मनुभाई ने प्रश्न पत्र लीक होने की बात को सख्ती से खारिज किया और कहा कि 912 में से 911 केंद्रों पर परीक्षा शांतिपूर्वक संपन्न हुई थी।

इस घटना में रविश कुमार (गया), नशीम अंसारी (सुपौल), प्रियंका कुमारी (दरभंगा), खुशबू कुमारी (सुपौल), गुलजार (बेगूसराय) सहित दर्जनों छात्र-छात्राएं घायल हो गए। सबको PMCH में भर्ती कराया गया है।
घटना की सूचना मिलते ही रात में घायलों से मिलने फुलवारी विधायक गोपाल रविदास PMCH पहुंचे। प्रदर्शन में कई छात्रों को गांधी मैदान थाना ने गिरफ्तार भी किया है। विधायक गोपाल रविदास ने उनसे भी मुलाक़ात की। विधायक के साथ आइसा के राज्य अध्यक्ष प्रीति कुमारी, सचिव सबीर कुमार व उपाध्यक्ष नीरज यादव मौजूद थे।
गोपाल रविदास ने कहा कि सरकार बर्बर दमन का रुख अपना रही है, इसका जवाब बिहार की जनता देगी। उन्होंने सभी गिरफ़्तार छात्रों की तत्काल रिहाई की मांग की।
रविवार (29 दिसंबर, 2024) दोपहर को चुनाव रणनीतिकार और जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने पटना के गांधी मैदान के पास ‘यूथ कांग्रेस संवाद’ का आयोजन किया, जिसमें हजारों छात्र उन्हें सुनने के लिए इकट्ठा हुए।
किशोर ने लगभग चार घंटे तक छात्रों के साथ संवाद किया और फिर मुख्यमंत्री आवास की ओर पैदल मार्च पर निकल पड़े।

जेपी गोलंबर के पास भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। पुलिस ने पहले जुलूस में शामिल लोगों को शांत करने की कोशिश की और लगभग एक घंटे तक चेतावनी दी, लेकिन कोई असर नहीं हुआ।
विरोध कर रहे अभ्यर्थियों ने जबरन बैरिकेड्स हटाने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया।
प्रशांत किशोर, जो BPSC CCE अभ्यर्थियों के साथ धरने पर बैठे थे, पुलिस की कार्रवाई से बचकर वहां से हट गए। हालांकि, लाठीचार्ज में कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए, जिन्हें पास के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
इसके बाद गांधी मैदान पुलिस स्टेशन में किशोर और 19 अन्य के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई।
प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की मांग की और कहा कि वे तब तक नहीं हटेंगे, जब तक मुख्यमंत्री कार्यालय से उन्हें कोई आश्वासन नहीं मिलता।
प्रदर्शन कर रहे BPSC CCE अभ्यर्थियों को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया कि बिहार के मुख्यमंत्री ने राज्य के लाखों छात्रों के भविष्य को अंधकार में धकेल दिया है। उन्होंने परीक्षा रद्द करने और उसके बाद पुनः परीक्षा आयोजित करने की मांग की।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बिहार में तीन दिन के अंदर दूसरी बार छात्रों पर अत्याचार किया गया। परीक्षाओं में भ्रष्टाचार, धांधली, पेपर लीक रोकना सरकार का काम है।
लेकिन भ्रष्टाचार रोकने की जगह छात्रों को आवाज उठाने से रोका जा रहा है। इस कड़ाके की ठंड में युवाओं पर पानी की बौछार और लाठी चार्ज करना अमानवीय है। भाजपा का डबल इंजन युवाओं पर डबल अत्याचार का प्रतीक बन गया है।
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