वाराणसी। प्रधानमंत्री के आगमन के ठीक एक दिन पहले काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का माहौल गरमाया रहा। प्रधानमंत्री के रैली के विरोध में छात्रों ने प्रदर्शन किया। प्रधानमंत्री की रैली को रोकने और डेढ़ साल से बंद चल रहे विश्वविद्यालय को खोलकर पठन-पाठन को नियमित रूप से चलाने के लिए भगत सिंह छात्र मोर्चा से जुड़े छात्रों ने सेन्ट्रल आफिस पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि कोरोना काल में विश्वविद्यालय बंद है ऐसे में रैली की अनुमति कैसे दी गई। रैली में आए हजारों लोगों से संक्रमण नहीं फैलेगा इसकी गारंटी कौन लेगा जबकि कोरोना की संभावित तीसरी लहर का भी डर बना हुआ है।

प्रदर्शन करने वाले छात्रों का कहना था कि विश्वविद्यालय किसी राजनीतिक दल विशेष की जागीर नहीं है। छात्रों ने रैली को रद्द करने के साथ ही विश्वविद्यालय और हॉस्टलों को खोले जाने का ज्ञापन कुलपति को सौंपा। प्रदर्शन स्थल पर मौजूद इप्शिता, आकांक्षा, सुमित, अंबुज का कहना था कि विश्वविद्यालय प्रशासन का मनमानीपन छात्र विरोधी है।

दूसरी तरफ बीएचयू में एम्स आंदोलन के अगुआ और जन-सरोकारों से हृदय रोग विभाग के डाक्टर ओम शंकर ने एक ट्वीट के जरिए कहा है कि कल जब मोदी जी MCH भवन का लोकार्पण करेंगे तो उनके साथ होंगे दो भ्रष्टाचारी इनमें से एक होंगे भ्रष्टाचार के आरोप में हटाए गए चिकित्सा अधीक्षक और दूसरे होंगे उत्तर प्रदेश में कोरोना से हुई मौतों के जिम्मेदार आईएमएस के मौजूदा डायरेक्टर।
(वाराणसी से पत्रकार भास्कर गुहा नियोगी कि रिपोर्ट।)
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