विश्वविद्यालय, वर्धा (महाराष्ट्र) के छात्र दिनांक 23 फरवरी 2023 के दोपहर से ही विश्वविद्यालय प्रशासनिक भवन में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। छात्रों के आरोपों के अनुसार विश्वविद्यालय में लम्बे समय से पाठ्यक्रम के संचालन में अनियमितता और छात्रों के विरोध करने पर छोटे-छोटे कारणों से निष्कासन, निलंबन और स्थानीय थाने में प्रशासन एफआईआर करने से भी गुरेज नहीं कर रहा है।

हालिया प्रकरण में हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा में छात्र बिट्टू कुमार का प्रवेश बी.कॉम. में होने के बाद भी बिना छात्र की अनुमति के जबरदस्ती उसका समायोजन बी.बी.ए. पाठ्यक्रम में कर दिया गया। समायोजित विषय के छात्र का कहना है कि मैंने बी.कॉम. के लिए केंद्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा पास की और प्रवेश भी बी.कॉम. में लिया, पढ़ाई भी बी.कॉम. की कर रहा हूं, तो बिना मेरी सहमति के मुझे बी.बी.ए. पाठ्यक्रम में क्यों भेजा जा रहा है। छात्र अपनी मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं।

वहीं दूसरी घटना पूजा सैनी नामक छात्रा के प्रकरण से है। छात्रा समाजशास्त्र में दाखिला लेती है। उसने अपने द्वारा चयनित समाजशास्त्र पाठ्यक्रम को राजनीति शास्त्र में स्थानांतरण के लिए आवेदन दे कर राजनीति शास्त्र में कक्षाएं करना शुरू कर दिया था और उसके बाद राजनीति शास्त्र में वो निरंतर कक्षाएं करती रही और सभी सत्रांत व संगोष्ठी पत्र जमा करती आ रही है।
सत्रांक परीक्षा के कुछ दिन पूर्व जब वो पहचान प्रमाण पत्र बनवाने जाती है तो उसे वहां सूचना मिलती है कि उसके समाजशास्त्र का पाठ्यक्रम अभी तक राजनीति शास्त्र में स्थानांतरित नहीं हुआ है। उसके बाद से वो लगातार कुलपति व कुलसचिव कार्यालय का लगातार चक्कर काट रही है लेकिन उसकी सुनने वाला कोई नहीं है। उसको अपना भविष्य अब अधर में नज़र आ रहा है।

छात्रों के आरोपों के अनुसार विश्वविद्यालय प्रशासन का तानाशाहीपूर्ण रवैया, आए दिन विभिन्न समस्याओं को लेकर प्रशासन की तरफ से कोई सकारात्मक परिणाम न मिलने पर अंतत: उन्हें दिनांक 23 फरवरी 2023 के दोपहर से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने के लिए प्रशासन के द्वारा विवश किया गया है। पूरी रात धरना चलता रहा। अभी भी छात्र धरना स्थल पर डटे हुए हैं। विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में पुलिस घुसती है और छात्रों को डराती है, जब छात्र वीडियो बनाने लगते हैं तो वे बिना किसी संवाद के निकल जाते हैं।
छात्रों का कहना है कि यदि छात्रों पर आंतरिक व बाह्य प्रशासन के द्वारा कोई भी अप्रिय घटना घटती है तो उसका पूर्णतः जिम्मेदार विश्वविद्यालय के कुलपति रजनीश शुक्ला होंगे।
इस प्रकरण को लेते हुए विश्वविद्यालय के कार्यकारी कुलसचिव कादर नवाज़ से फोन के माध्यम से संवाद करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कहा यहां आकर बात कीजिये और फ़ोन को काट दिया।
(वर्धा (महाराष्ट्र) से स्वत्रंत पत्रकार राजेश सारथी की रिपोर्ट)
+ There are no comments
Add yours