उच्चतम न्यायालय गुरुवार को ड्रग्स मामले में शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका पर 31 जनवरी (सोमवार) पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया। कोर्ट ने पंजाब राज्य से सोमवार तक उसके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने को भी कहा है। वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने भारत के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष मजीठिया की याचिका का उल्लेख किया और तत्काल सूचीबद्ध की मांग की।
रोहतगी ने कहा कि यह राजनीतिक प्रतिशोध है। उन्हें पुलिस स्टेशन बुलाया गया है। यह सब चुनावी बुखार के कारण है। चीफ जस्टिस एनवी रमना ने हल्के लहजे में टिप्पणी की, “क्या यह चुनावी बुखार है या चुनावी वायरस है? सभी अदालत में भाग रहे हैं।”
रोहतगी ने प्रस्तुत किया कि हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत की मांग वाली उनकी याचिका को खारिज करने के बाद तीन दिन की सुरक्षा प्रदान की है। हालांकि पुलिस को पता है कि उन्होंने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है, लेकिन वे उसे गिरफ्तार करने की कोशिश कर रहे हैं।
वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदंबरम ने कहा कि वह पंजाब राज्य की ओर से पेश हो रहे हैं। चीफ जस्टिस ने उनसे पूछा कि क्या यह उचित है मिस्टर चिदंबरम, जब आप जानते हैं कि उनकी याचिका सूचीबद्ध होने जा रही है? चिदंबरम ने बताया कि हाईकोर्ट ने 24 जनवरी को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। उन्होंने कहा कि उसके बाद, वह छिप गया है और अब वह वकील के माध्यम से पेश हो रहा है। चीफ जस्टिस ने चिदंबरम से कहा कि अपनी सरकार से कुछ भी न करने के लिए कहें। हम सोमवार को सूचीबद्ध करेंगे।
मजीठिया ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की एकल पीठ के 24 जनवरी के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है, जिसमें उनके खिलाफ दर्ज एक एनडीपीएस मामले में गिरफ्तारी से पहले जमानत देने से इनकार कर दिया गया था।
बिक्रम सिंह मजीठिया पंजाब विधानसभा चुनाव के सबसे चर्चित उम्मीदवारों में से हैं। उन्हें शिरोमणि अकाली दल ने अमृतसर-पूर्व से पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा है।
पंजाब सरकार में मंत्री रहे बिक्रम सिंह मजीठिया नशीले पदार्थों से जुड़े 6 हजार करोड़ के एक पुराने मामले में आरोपी बनाए गए हैं। इसमें उनकी गिरफ्तारी की आशंका है। इसी के मद्देनजर उन्होंने पहले पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। यहां पंजाब सरकार की ओर से दलील दी गई थी कि मजीठिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। वहीं मजीठिया की ओर से कहा गया था कि सरकार सिर्फ उन्हें प्रताड़ित करना चाहती है।
हाईकोर्ट ने सरकार की दलीलों को मानते हुए इसी सोमवार को मजीठिया की याचिका खारिज कर दी थी। साथ ही कहा था कि इस मामले में बिक्रम सिंह मजीठिया को हिरासत में लेकर पूछताछ किए जाने की जरूरत है। इसके बाद मजीठिया ने तुरंत हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी।
(वरिष्ठ पत्रकार जेपी सिंह की रिपोर्ट।)
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