लखनऊ। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का रामचरित मानस पर दिए गए बयान पर बवाल बढ़ता जा रहा है। उनके बयान के बाद कुछ ‘साधु-संतों’ ने उनकी जीभ और सिर काटने पर ईनाम भी घोषित किया था। लेकिन अब धमकी और ईनाम से मामला आगे बढ़ गया है। बुधवार को लखनऊ के गोमती नगर के ताज होटल में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थकों और हनुमानगढ़ी के महंत राजूदास के बीच हाथापाई की घटना सामने आई है। स्वामी ने कहा, “मुझ पर तलवार और फरसा से हमला करने का प्रयास किया गया। वहां मौजूद मेरे समर्थकों ने बचा कर गाड़ी में बैठाया।” मामले में स्वामी प्रसाद मौर्य ने पुलिस कमिश्नर लखनऊ को पत्र लिखकर शिकायत दर्ज कराई है और अतिरिक्त सुरक्षा की मांग की है।

गौरतलब है कि स्वामी प्रसाद मौर्य एबीपी न्यूज के एक डिबेट में हिस्सा लेने के लिये बुलाये गये थे जिसकी एंकरिंग रुबिका लियाकत कर रही थी। स्वामी प्रसाद मौर्य ने रुबिका लियाकत की भूमिका को संदिग्ध बताते हुये उन्हें मुख्य साजिशकर्ता बताया है। उन्होंने लखनऊ पुलिस कमिश्नर को लिखे एक पत्र में बताया है कि एबीपी न्यूज की एंकर रुबिका लियाकत का एबीपी शिखर सम्मेलन में उनसे पहले प्रश्न के रूप में यह पूछना कि- “स्वामी प्रसाद मौर्य साहब आपका ताज तक का सफ़र ठीक रहा?” आप जहां से निकले, जहां पहुंचे सफ़र आपका बढ़िया रहा?” साजिश का इशारा करता है।
स्वामी प्रसाद मौर्या ने अपने लिये अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग करते हुये कमिश्नर को लिखे पत्र में बताया है कि उन्हें अतिथि के रूप में 15 फरवरी, 2023 को समय 12:30 के एक कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया। उक्त कार्यक्रम में सम्मिलित होने व शिखर सम्मेलन से निकलते समय महंत राजू दास हनुमानगढ़ी, अयोध्या और महंत परमहंस दास तपस्वी छावनी मन्दिर और इनके कुछ साथियों ने तलवार व फरसा से उन पर जानलेवा हमला किया। समर्थकों के बीच-बचाव करने पर वो सकुशल अपने वाहन में बैठकर घर पहुंच सके। स्वामी प्रसाद मौर्य ने आगे कहा है कि उक्त लोगों द्वारा पूर्व में उन्हें मारने के लिये 21 लाख का ईनाम भी घोषित किया गया है यह जानते हुये भी उन्हें इस कार्यक्रम में बुलाना और उन लोगों को समय से पहले बुलाकर हथियारों के साथ बैठाना कुटिल साजिश का हिस्सा है।
ताज की सुरक्षा-व्यवस्था पर सवाल
ताज होटल जैसे सुरक्षित प्रतिष्ठान जहां मोबाइल और व्यक्ति के सामान व वस्त्रों की तलाशी उच्च मानकों के अनुरूप लिया जाता है वहां महंत राजूदास, महंत परमहंस दास और इनके कुछ साथियों का धारदार हथियारों के साथ अंदर जाना और अंदर रहकर सपा महासचिव का इंतज़ार करना और निकलते समय हमला करना यह सब एक ख़तरनाक साजिश की ओर साफ इशारा करता है।
महंत राजूदास की सफाई
वहीं महंत राजूदास ने अपनी सफाई में एक निजी टीवी चैनल पर बयान देते हुये स्वामी प्रसाद मौर्य के ख़िलाफ़ एफआईआर कराने की बात कही है। राजूदास ने सपा महासचिव को ‘राजनीतिक गुंडा’ और खुद को सहिष्णु बताया। लड़ाई के बाबत पूछने पर राजूदास बताते हैं कि कल स्वामी प्रसाद मौर्य एबीपी के कार्यक्रम से वापस लौट रहे थे और वो कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे। स्वामी प्रसाद मौर्य ने उन्हें देखकर कहा ये देखो भगवा आतंकवादी आ गया। राजूदास आगे कहते हैं कि मौर्य जी ने उन्हें रामचरित मानस का चौकीदार कहा। राजूदास ने आगे बताया कि उसी पर उन्होंने उनसे सवाल जवाब किया, उसी पर पहले बहस और फिर हाथापाई हो गई। अयोध्या के हनुमानगढ़ी के महंत दावा करते हैं कि उन्होंने मौर्य जी से कहा कि आप राजनीतिक व्यक्ति हो आप शिक्षा बेरोज़गारी की बात करो, विकास की बात करो, आप कोई धर्मिक गुरु नहीं हो जो लगातार रामचरितमानस और सनातन धर्म की बात कर रहे हो। उन्होंने आगे कहा कि आपको यदि इतनी ही चिढ़ है तो आप कुरआन और बाईबिल की कुरीति के बारे में भी बात करो। जातिवाद की बात करो। जिस यूनिवर्सिटी में दलित वर्ग को आरक्षण नहीं दिया जा रहा उस पर बात करो ये सब बातें कही।
जनचौक ने एबीपी न्यूज की एंकर रुबिका लियाकत से उन पर लगे आरोपों पर उनकी सफाई के लिये ट्विटर के एकाउंट के जरिये संपर्क किया है और उन्हें टैग करते हुये सवाल छोड़ा है, जिसका उन्होंने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है। गर उनका जवाब आता है तो उसे रिपोर्ट में जोड़ दिया जायेगा।
मीडिया इसे बता रहा महंत राजूदास पर हमला
वहीं मेनस्ट्रीम मीडिया घटना को स्वामी प्रसाद मौर्य समर्थकों की ओर से से महंत राजूदास पर किया गया हमला बताकर पेश कर रहा है। जबकि उक्त कार्यक्रम में स्वामी प्रसाद मौर्य अपने चार समर्थकों के साथ गये और महंत राजूदास और महंत परमहंस दास अपने 50 समर्थकों के साथ वहां पहुंचे थे।
आजतक कह रहा है कि महंत राजूदास के साथ स्वामी प्रसाद मौर्य समर्थकों ने मार पीट किया। घटना बैकस्टेज पर हुई। नवभारत टाइम्स कह रहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने महंत राजूदास पर हमला कर दिया।
(सुशील मानव जनचौक के विशेष संवाददाता हैं।)
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