Tag: एसए बोबडे
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संकट काल में उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाई न्यायपालिका
जिस तरह से मद्रास हाई कोर्ट द्वारा चुनाव आयोग पर की गई तल्ख टिप्पणियों को मीडिया में स्थान मिला है और जनता के एक बड़े वर्ग द्वारा इनका स्वागत किया गया है इससे यह स्पष्ट होता है कि आम जन मानस भी कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रसार के लिए चुनाव आयोग के अनुत्तरदायित्वपूर्ण आचरण…
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क्या लोवर ज्यूडिशियरी में ही फ्लर्ट करना गुनाह है?
उच्चतम न्यायालय के चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस बोपन्ना और जस्टिस राम सुब्रमण्यन की पीठ ने मध्य प्रदेश में जिला अदालत के एक पूर्व जज की अपील पर कहा कि न्यायपालिका में किसी जज के अपने विभागीय जूनियर अधिकारी के साथ ‘फ्लर्ट’ करना किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है। यौन उत्पीड़न के आरोपी जज…
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सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों पर बार-बार उठते सवाल
क्या न्याय इतना व्यक्तिनिष्ठ और इतना असहाय हो सकता है कि उसकी समीक्षा और आलोचना करना अनिवार्य बन जाए? कोई एक न्यायाधीश यदि कमजोर मनुष्य सिद्ध हो जाए तो क्या करोड़ों लोगों को प्रभावित करने वाले उसके फैसलों को केवल इस कारण शिरोधार्य करना होगा कि वे एक ऐसे पदाधिकारी द्वारा दिए गए हैं, जिसे…
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जस्टिस काटजू का आरोप- सीजेआई अपनी बेंच में किसी और जज को बोलने ही नहीं देते!
क्या जिस पीठ में भारत के चीफ जस्टिस (सीजेआई) एसए बोबडे होते हैं, वे पीठ में शामिल किसी अन्य न्यायाधीश को बोलने ही नहीं देते? यह सनसनीखेज आरोप उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश और प्रेस काउन्सिल ऑफ़ इंडिया के पूर्व चेयरमैन जस्टिस मारकंडेय काटजू ने लगाए हैं। भारत के चीफ जस्टिस एसए बोबडे पर यह…