Friday, March 24, 2023

किताब

किताब ‘कैदखाने का आईना’: जेल में भ्रष्टाचार ही सिस्टम है

स्वतंत्र पत्रकार और लेखक रूपेश कुमार सिंह 7 जून, 2019 से 5 दिसंबर, 2019 तक बिहार की दो जेलों में छह महीने तक काला कानून ‘यूएपीए’ के तहत कैद थे। 6 दिसंम्बर, 2019 को ये जमानत पर बाहर निकल...

जयंतीः शहादत के बाद भी अंग्रेज सरकार थर्राती थी गेंदालाल से

देश की आजादी कई धाराओं, संगठन और व्यक्तियों की अथक कोशिशों और कुर्बानियों का नतीजा है। गुलाम भारत में महात्मा गांधी के अंहिसक आंदोलन के अलावा एक क्रांतिकारी धारा भी थी, जिससे जुड़े क्रांतिकारियों को लगता था कि अंग्रेज...

अपरिभाषेय राष्ट्रवाद की परिभाषा!

जेएनयू के परिसर में सन् 2016 की सर्दियों में हुए राष्ट्रवाद पर भाषणों के संकलन, ‘What the nation really needs to know’ के बाद अभी हाल में अनामिका प्रकाशन से राष्ट्रवाद के बारे में लेखों का एक महत्वपूर्ण संकलन,...

विद्यार्थी परिषद का नया उपद्रव! तमिलनाडु की यूनिवर्सिटी के पाठ्यक्रम से हटाई गई अरुंधति की किताब

न तो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) कोई बौद्धिक संगठन है, न ही कोई शिक्षाविद् संगठन, बावजूद इसके तमिलनाडु की मनोनमनियम सुंदरनर यूनिवर्सिटी ने उसके विरोध के चलते अरुंधति रॉय की किताब ‘वॉकिंग विद द कॉमरेड्स’ को पोस्टग्रेजुएट इंग्लिश...

हत्यारे के महिमामंडन काल में सच्चाई की इबारत है ‘उसने गांधी को क्यों मारा’

कुछ पुस्तकें ऐसी होती हैं जो विमर्श और सोच-समझ के नए आयाम प्रस्तुत करती हैं और बदलाव की वाहक बनती हैं। बदलाव लाने की यह शक्ति उन पुस्तकों में भी होती है जो कुछ नया तो नहीं प्रस्तुत करतीं...

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मनरेगा में पारदर्शिता के बहाने लायी गई नयी तकनीक और नये नियम कहीं मनरेगा कानून को खत्म करने की साजिश तो नहीं

जब 7 सितंबर 2005 को नरेगा (राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना) की अवधारण लाई गई तो लगा कि केंद्र सरकार की इस महत्त्वाकांक्षी योजना से...