अंततः उत्तर प्रदेश सरकार ने इस बात की सार्वजनिक स्वीकारोक्ति कर ही ली कि वह बहुसंख्य हिंदू युवतियों को नासमझ, अपने हित-अनहित का निर्धारण कर सकने में असमर्थ तथा स्वविवेक से कोई भी सही निर्णय लेने के लिए अक्षम...
उत्तर प्रदेश में सोमवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले, कि शादी के लिए सभी को मनपसंद साथी चुनने का हक है, भले ही वो किसी भी धर्म का क्यों न हो, की सुर्खियां अभी सूखी भी नहीं थीं...