एक राजा था। प्रजा उसे आराध्य सा पूजती थी। प्रजा खुशहाल तथा धन-धान्य से संपन्न थी। राज्य के अधिकारी ईमानदार थे तथा कर्तव्य परायण। भ्रष्टाचार या कामचोरी की कम-से-कम सजा मौत थी। 1-2 बार भेस बदल कर घूमते हुए...
अगस्त का महीना खत्म होने वाला है और हिंदू त्योहारों का टाइम आ गया है। मुझे ये बताने की आपको ज़रूरत नहीं थी, आपके आसपास के ‘लाउड स्पीकरों’ ने आपको स्वयं सूचना दे दी होगी।ऐसे ही एक शाम मैंने...