बाबरी मस्जिद-राम जन्म भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ने देश के सम्मुख एक अवसर उपस्थित किया है, जब वह कटुता और वैमनस्य के लंबे और अंतहीन दौर से बाहर निकल कर सांप्रदायिक सौहार्द और सामाजिक समरसता के...
सुप्रीम कोर्ट का जज दूध पीता बोध-शून्य बच्चा नहीं होता, जिसे अपनी शक्ति का अहसास नहीं होता। राजनीति के बजाय वह अपनी कुर्सी की नैतिकता से भी बंधा होता है। वह सरकार में थोड़े समय के लिए आए नेताओं...