उर्दू के क्लासिक अदब को जिंदा कर गए शम्सुर्रहमान फारूकी

यह सन् 1998 की बात है। तब मैं प्रकाशन विभाग से निकलने वाली उर्दू मैगजीन आज कल में सब एडिटर…

हमारा नीरो क़िस्सागो है!

एक बार की बात है, जम्बूद्वीप में एक राजा था। बड़ा ही किस्सागो। जैसा की चलन है कि हर राजा…