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बीच बहस

पट्टी बंधी न्याय की आंखें भी करने लगी हैं भेदभाव

न्यायिक क्षेत्रों में आजकल संविधान के अनुच्छेद 32 और उस पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक ही सप्ताह में दो अलग-अलग पीठों द्वारा की गई व्याख्या [more…]

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बीच बहस

न्याय और सत्य की स्वतंत्र भूमिका का इंतज़ार

सुप्रीम कोर्ट का जज दूध पीता बोध-शून्य बच्चा नहीं होता, जिसे अपनी शक्ति का अहसास नहीं होता। राजनीति के बजाय वह अपनी कुर्सी की नैतिकता [more…]