सुशांत की लाश पर बिहार में बिछ रही है वोटों की बिसात

बिहार का चुनाव भूख, गरीबी, शिक्षा, इलाज, बाढ़, कोरोना या फिर लॉकडाउन में बिहारी मजदूरों के रिवर्स पलायन पर नहीं…

राष्ट्रवाद के साथ धर्म भी बन गया है धूर्तों के चेहरे का मुखौटा!

जिस किसी ने भी कहा था कि राष्ट्रवाद धूर्तों की आख़िरी पनाहगाह है, उसे उस दूसरी चोर गुफा का अंदाजा…

सरकार अमीरों को मुफ्त में जहाज से घर पहुंचा आई और गरीब पैदल यात्रा पर

एक तिहाई आबादी सदा पाखंड यात्राओं और पाखंड के अड्डों पर भटकती रही। लाख समझाओ मगर बुद्धिहीनों की भीड़ कहां…