देशभर में सत्तारूढ़ दल का विरोध कर रहे सामाजिक कार्यकर्ताओं, राजनीतिक नेताओं, पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं अर्थात सार्वजनिक जीवन में सक्रिय व्यक्तियों पर आए दिन हमलों की घटनाएं अखबारों में प्रकाशित होती रहती हैं। हमलावरों को सजाएं मिलने की...
हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित केदार सिंह जिंदान हत्याकांड में आखिरकार 44 गवाहों की गवाही के बाद विशेष न्यायाधीश सिरमौर आरके चौधरी की अदालत ने तीन दोषियों को सजा सुना दी है। तीन साल पहले दलित नेता और आरटीआई एक्टिविस्ट...
'भारत माता की जय' भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान सबसे अधिक लगाया जाने वाला नारा था। भारत माता का उल्लेख सबसे पहले किरण चन्द्र बंदोपाध्याय के नाटक 'भारत माता' में आया था जो सन 1873 में खेला गया था।...
जलवायु सम्मेलन कोरोना महामारी की छाया से बाहर नहीं निकल पाया है। सम्मेलन स्थल के बाहर जिन लोगों की भीड़ इकट्ठा हो रही है, उनमें सम्मेलन को लेकर प्रतिवादी आवाज उठाने वाले जलवायु कार्यकर्ताओं के अलावा सम्मेलन में प्रवेश...
12 सितंबर को गोरखपुर के गोकुल अतिथि भवन में बहुजन बुद्धिजीवियों एक्टिविस्टों और नेताओं का एक महासम्मेलन रखा गया है। इस महा सम्मेलन का विषय ‘दलित, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक भागीदारी उद्घोष सम्मेलन’ है। इस सम्मेलन में भारतीय समाज में...
शमशेर सिंह बिष्ट के जीवन पर लिखी इस क़िताब का उद्देश्य लोकतांत्रिक समाज के निर्माण के लिए प्रयासरत लोगों को शमशेर की कहानी बताकर सही मार्ग दिखाना है।
लेखक ने इस क़िताब में शमशेर की बचपन से अंतिम दिनों तक...
भोपाल।"मौजूदा निज़ाम अपनी नीतियों से सिर्फ आवाम की मुश्किलें ही नहीं बढ़ा रहा है, वह स्वतंत्रता आंदोलन की ढांचागत, राजनैतिक और वैचारिक हर तरह की उपलब्धियों को भी पलट रहा है।" शैलेन्द्र शैली स्मृति व्याख्यान 2021 में बोलते हुए एसएफआई...
भोपाल। लोकजतन सम्मान 2021 से इस वर्ष वरिष्ठ पत्रकार और एक्टिविस्ट लज्जाशंकर हरदेनिया को सम्मानित किया गया।
लोकजतन के संस्थापक सम्पादक शैलेन्द्र शैली (24 जुलाई 1957- 07 अगस्त 2001) के जन्म दिन पर पिछली तीन वर्षों से यह सम्मान दिया जाता है। ...
तो क्या अब मणिपुर की भाजपा सरकार को मणिपुर के राजनीतिक कार्यकर्ता एरेंड्रो लीचोम्बम को गैरकानूनी ढंग से राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (रासुका) के तहत हिरासत में रखने के लिए मुआवजा भी देना पड़ेगा? उच्चतम न्यायालय के तेवरों से तो ऐसा ही लगता...
नौरोजाबाद जिला उमरिया, मप्र के रहने वाले विनय विश्वकर्मा जब बारहवीं में अपने गाँव में पढ़ रहे थे तो उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन वे अपने क्षेत्र के युवाओं के लिए आदर्श बनेंगे और वे बड़े...