Tag: ambedkar
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अंबेडकर में देवत्व स्थापना का संघ प्रायोजित ‘खेल’
उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के मंगटा गांव में हाल ही में अंबेडकर-बुद्ध (भीम कथा) कथा का आयोजन किया गया। इस कथा में अंबेडकर की बाइस शिक्षाओं, उनके जन्म, जीवन चरित्र समेत गौतम बुद्ध के जन्म, जीवन-चरित्र आदि को ठीक उसी तरह से एक आलौकिक अवतारी पुरुष के रूप में चित्रित किया गया जैसा कि…
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संविधान दिवस पर विशेष: सामने आ गया डॉ. आंबेडकर का बताया खतरा
आज देश का संविधान 70 साल का हो गया। वैसे तो किसी मनुष्य के जीवन में यह उम्र बेहद नाजुक होती है और भविष्य के लिहाज से भी इसे बेहद खतरनाक पड़ाव का दर्जा दिया जाता है। लेकिन राष्ट्रों के जीवन में यह बचपन की श्रेणी में आएगा। क्योंकि उनकी उम्र बहुत लंबी होती है।…
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अजय सिंह: प्रतिबद्ध जीवन की आत्मीय कविता
नई दिल्ली। वरिष्ठ वामपंथी बुद्धिजीवी, एक्टिविस्ट, पत्रकार व कवि अजय सिंह के जो चाहने वाले पिछले सप्ताह उनके चिकनगुनिया जैसी बीमारी से पीड़ित होने को लेकर चिंतित थे, वे दो दिन पहले सोमवार को उनकी कविताएं सुनने के लिए दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान में जमा थे। बीमारी और उम्र का असर उनके हौसले पर…
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झूठ व फरेब की बोली
कल रात राष्ट्र के नाम संदेश में प्रधानसेवक नरेन्द्र मोदी जी ने कहा कि यह सपना (धारा 370 हटाना) सरदार वल्लभ भाई पटेल का था, बाबासाहेब अंबेडकर का था, डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी का था, अटल जी और करोड़ों देशभक्तों का था, वो सपना अब पूरा हो गया है। सेवकजी, यह आपका सपना, डॉक्टर शयामा…
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दलित आंदोलन के इतिहास में सूर्य की तरह चमकता रहेगा राजा ढाले का नाम
लेखक, एक्टिविस्ट और दलित पैंथर्स आंदोलन के सह संस्थापक राजा ढाले (78) का मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने से मुंबई में निधन हो गया। विखरोली स्थित अपने निवास पर उन्होंने आखिरी सांस ली। वह अपने पीछे पत्नी दीक्षा और बेटी गाथा को छोड़ गए हैं। सांगली के नांदरे गांव में पैदा हुए ढाले बचपन…
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भारत में आधुनिक मानसिकता के निर्माण के लिए ब्राह्मणवादी पितृसत्ता को तोड़ना जरूरी क्यों है?
भले ही भौतिक साधनों और तकनीकी प्रगति के मामले में भारत एक आधुनिक देश दिखता हो, लेकिन मानसिक तौर पर अधिकांश भारतीय आज भी मध्यकालीन मानसिकता में जीते हैं। इसे उत्तर प्रदेश और गुजरात की हाल के अन्तर्जातीय विवाहों पर लोगों की प्रतिक्रिया से समझा जा सकता है। गुजरात में तो दलित प्रेमी की हत्या…
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गांधीवादियों के दामन पर भी है गांधी की हत्या के दाग
सवाल आसान लगता है लेकिन गम्भीरता से सोचा जाए तो पेंचीदा भी है। साधारण तौर पर देखा जाये तो महात्मा गांधी की मौत का सीधा जिम्मेदार नाथूराम गोड़से था। जिसने गांधी जी को 3 गोलियां मारी और उनकी हत्या कर दी। नाथूराम गोडसे जो उग्र हिन्दुत्व की राजनीति का ध्वज उठाये हुए था। जिसके पीछे…