Saturday, September 23, 2023

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उत्तराखंड: सत्ता संरक्षित दरिंदों ने ले ली मासूम अंकिता की जान

देहरादून। जेब में नोटों की खनक हो और साथ में सत्ता की हनक हो तो एक 19 वर्ष की युवती के साथ दरिंदगी और फिर उसकी हत्या कर देना कोई बड़ी बात नहीं है। और यदि युवती गरीब मजबूर...

आईआईटी खड़गपुर: ज्ञान-विज्ञान नहीं, अब संघ के पोंगापंथ का होगा पाठ

देश की तमाम वैज्ञानिक, तकनीकी संस्थाओं का क्षरण ज़ारी है। IIT खड़गपुर भारतीय इतिहास संबंधी आरएसएस की कपोल कल्पनाओं और हिंदुत्ववादी आकांक्षाओं को पूरा करने का माध्यम बन गया है। हाल ही में, IIT खड़गपुर ने वर्ष 2022 का कैलेंडर...

हम भूमिपुत्र स्वयं अपने इतिहास के कर्ता हैं

(प्रधानमंत्री मोदी के नाम एक भूमिपुत्र का खुला ख़त) लिखतुम भूमिपुत्र, पढ़तुम प्रधानमंत्री मोदी,नमस्कार, आदाब, सत् श्री अकाल थोड़े लिखे को तुम ज्यादा ही समझना। ‘आप’ के बजाय ‘तुम’ कहकर संबोधित इसलिए कर रहा हूं, क्योंकि दिल में रंजिश हो तो...

राम और रावण: दो चरित्र और उन्हें देखने का दो नजरिया

(भारतीय इतिहास, परंपरा और उसकी संस्कृति में बहुत सारी चीजें विवादित रही हैं। उनमें सर्वाधिक विवाद उसकी पौराणिक कथाओं को लेकर रहा है। क्योंकि न तो उनका कोई साक्ष्य मिलता है और न ही तथ्यों की कसौटी पर वे...

पेरियार पर आईं पुस्तकें बदलेंगी हिंदी पट्टी का दलित चिंतन

साहित्य के शोधकर्ताओं के लिए यह एक शोध का विषय है कि ईवी रामासामी पेरियार (17 सितंबर, 1879-24 दिसंबर, 1973) के मूल लेखन का कोई संग्रह आज तक उस तरह से हिंदी साहित्य में क्यों उपलब्ध नहीं था,...

‘गुलामगिरी’: शूद्रों-अतिशूद्रों की मुक्ति का दस्तावेज

1 जून यानी आज 2020 को ‘गुलामगिरी’ पुस्तक के 147 वर्ष पूरे हो रहे हैं। यह महात्मा ज्योतिबा फुले (11 अप्रैल 1827 - 28 नवंबर 1890) की प्रमुख रचना है। ‘गुलामगिरी’ अंधविश्वास, पाखंड, छल-कपट पर आधारित ब्राह्मणी ग्रंथों एवं...

जयंती पर विशेष: अयोथी थास; अनार्य द्रविड़ गैर-ब्राह्मणवादी राष्ट्र-समाज के प्रणेता

20 मई को अनार्य द्रविड़-गैर ब्राह्मणवादी राष्ट्र-समाज निर्माण के प्रणेता एवं तमिलनाडु (तब मद्रास प्रेसीडेंसी) में दलित-बहुजन आंदोलन की नींव डालने वाले अयोथी थास की 175वीं जयंती वर्ष की शुरुआत हो रही है। 20 मई 1845 को चेन्नई के...

क्योंकि भारत का इतिहास बदलने का काम जारी है!

विश्व आदिवासी दिवस की बधाई आज विश्व आदिवासी दिवस पर आप मान लीजिए  कि भारत के ऋषि मुनि ही भारत के सबसे पुराने निवासी हैं मान लीजिए कि वेद तब ही आ चुके थे जब मनुष्य का जन्म भी नहीं हुआ था  मान लीजिए...

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विश्व शान्ति के लिए युवाओं का शांति मार्च

जौनपुर। दुनिया में शांति पहल की स्थापना, शांति सद्भावना का माहौल बनाने की खातिर उत्तर प्रदेश के जौनपुर में...