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संस्कृति-समाज

फ़ैज़ की जयंतीः ‘अब टूट गिरेंगी ज़ंजीरें, अब जिंदानों की खैर नहीं’

उर्दू अदब में फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ का मुकाम एक अजीमतर शायर के तौर पर है। वे न सिर्फ उर्दू भाषियों के पसंदीदा शायर हैं, बल्कि [more…]

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लेखक

राहत की स्मृति: ‘वो गर्दन नापता है नाप ले, मगर जालिम से डर जाने का नहीं’

अब ना मैं हूं ना बाक़ी हैं ज़माने मेरेफिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरेकुछ ऐसे ही हालात हैं, शायर राहत इंदौरी के इस [more…]

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राजनीति

लेबनान सरकार को अवाम ने उखाड़ फेंका, राष्ट्रपति और स्पीकर को हटाने पर भी अड़ी

आखिरकार आंदोलनरत लेबनान की अवाम ने सरकार को उखाड़ फेंका। लोहिया ने ठीक ही कहा था कि जिंदा कौमें पांच साल इंतज़ार नहीं करतीं। देश [more…]