Thursday, April 25, 2024

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हिन्दी सिनेमा में ब्राह्मणवाद और दलित मुक्ति के संदर्भ

भारत में सिनेमा का इतिहास सौ साल से अधिक पुराना है। यह न केवल महंगा माध्यम है, बल्कि तकनीकी माध्यम भी है,जिसके लिए तकनीकी जानकारों और विशेषज्ञों की जरूरत होती है। इन दोनों कारणों से सिनेमा में आरंभ से...

जन्मदिवसः गरीबों-मजदूरों को अंधेरे में संघर्ष की राह दिखाते हैं शैलेंद्र के गीत

भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) ने देश को कई शानदार कलाकार, गीतकार और निर्देशक दिए। शैलेंद्र भी ऐसे ही एक गीतकार हैं, जिनकी पैदाइश इप्टा से हुई। इप्टा ने उन्हें नाम-शोहरत दी और इसके जरिए ही वे फिल्मी दुनिया...

जन्मदिवस पर विशेष: विष्णु प्रभाकर, कालजयी ‘आवारा मसीहा’ के मसीहा

भारतीय और हिंदी साहित्य में 'आवारा मसीहा' को विलक्षण एवं ऐतिहासिक मुकाम हासिल है। यह सर्वप्रिय महान उपन्यासकार शरतचन्द्र चटर्जी की संपूर्ण प्रामाणिक जीवनी है और इसे महान हिंदी लेखक विष्णु प्रभाकर ने गहन जमीनी शोध के बाद लिखा...

पुण्यतिथि पर विशेष: सियासतदानों के भी चहेते थे शो मैन

राज कपूर की फिल्म 'आवारा' 1951 में प्रदर्शित हुई थी। देश में नेहरूवादी युग की बयार थी और दुनिया के नक्शे पर मार्क्सवाद का अलग ही दबदबा। यह फिल्म निहायत अलग किस्म के सौंदर्य शास्त्र में रची-बसी थी। कहीं...

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प्रधानमंत्री की भाषा: सोच और मानसिकता का स्तर

धरती पर भाषा और लिपियां सभ्यता के प्राचीन आविष्कारों में से एक है। भाषा का विकास दरअसल सभ्यता का...