हिन्दी सिनेमा में ब्राह्मणवाद और दलित मुक्ति के संदर्भ
भारत में सिनेमा का इतिहास सौ साल से अधिक पुराना है। यह न केवल महंगा माध्यम है, बल्कि तकनीकी माध्यम भी है,जिसके लिए तकनीकी जानकारों [more…]
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भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) ने देश को कई शानदार कलाकार, गीतकार और निर्देशक दिए। शैलेंद्र भी ऐसे ही एक गीतकार हैं, जिनकी पैदाइश इप्टा [more…]
भारतीय और हिंदी साहित्य में ‘आवारा मसीहा’ को विलक्षण एवं ऐतिहासिक मुकाम हासिल है। यह सर्वप्रिय महान उपन्यासकार शरतचन्द्र चटर्जी की संपूर्ण प्रामाणिक जीवनी है [more…]
राज कपूर की फिल्म ‘आवारा’ 1951 में प्रदर्शित हुई थी। देश में नेहरूवादी युग की बयार थी और दुनिया के नक्शे पर मार्क्सवाद का अलग [more…]