Saturday, April 20, 2024

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बीजेपी को हराने की बहुजन संगठनों ने की अपील

(लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया जारी है। और राजनीतिक दल और उसके नेता अपने पक्ष में मत हासिल करने के लिए जनता के बीच जा रहे हैं। लेकिन इस बीच देश और समाज में कार्यरत तमाम तरह के सामाजिक संगठन...

चंद्रशेखर आजाद: हिंदी पट्टी में एकमात्र मुखर आंबेडकरवादी राजनीतिक स्वर संसद में गूंजना ही चाहिए

19 अप्रैल को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नगीना लोकसभा (सुरक्षित) निर्वाचन क्षेत्र में मतदान है। यहां आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के प्रत्याशी चंद्रशेखर चुनाव लड़ रहे हैं। उनका चुनाव चिह्न केतली है। वे एक ऐसी आवाज हैं, जिस आवाज...

2024 के लिए बहुजन राजनीति का लक्ष्य और चुनौतियां

बहुजन राजनीति का लक्ष्य 2024 के चुनाव को लेकर क्या है? यह सवाल करने से पहले यह पूछा जा सकता है कि क्या बहुजन राजनीति की कोई एक पार्टी है? जाहिर है कि इसका जवाब नहीं में है। किसी भी...

भारतीय साहित्य सिद्धांत और नए विमर्श: हिंदी साहित्य पर पश्चिमी प्रभाव और देशज प्रतिमान

नई दिल्ली। ‘हिंदी साहित्य पर पश्चिमी प्रभाव और देशज प्रतिमान’ विषय पर दो दिवसीय विचार गोष्ठी दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर की एनेक्सी में किया गया। डॉ. बीआर अम्बेडकर विश्वविद्यालय, दिल्ली की साहित्य अध्ययन पीठ के देशिक अभिलेख-अनुसंधान केंद्र...

बहुजन ढो रहे हैं हिंदुत्व की कांवड़

प्रयागराज। बड़े-बड़े बैनरों से सजा डीजे, मालवाहक वैन और ट्रैक्टरों पर निकलने वाली कांवड़ यात्रा सावन के पहले पाख के साथ ही खत्म हो गई। इसके साथ ही उत्पात, अव्यवस्था और सड़कों पर भगवा वर्चस्व का एक चैप्टर भी...

बहुजनों को अब हुकूमतों से मांगने से आगे बढ़कर इस देश के मालिक बनने की दावेदारी करनी होगी: डॉ. सिद्धार्थ

बिहार के भागलपुर जिले के बिहपुर के रेलवे सामुदायिक भवन में 13 जून को 'बढ़ते मनुवादी-सांप्रदायिक हमले व कॉरपोरेट कब्जा के खिलाफ बहुजन दावेदारी' को लेकर एक सम्मेलन हुआ। सम्मेलन की अध्यक्षता चर्चित बहुजन बुद्धिजीवी डॉ.विलक्षण रविदास ने की।...

भारतीय समाज में व्याप्त जाति व्यवस्था के विरुध्द संघर्ष के सर्वश्रेष्ठ अगुआ हैं आंबेडकर

डॉ. भीमराव आंबेडकर एक बहुजन राजनीतिक नेता और एक बौद्ध पुनरुत्थानवादी होने के साथ-साथ, भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार भी थे। आंबेडकर का जन्म एक गरीब अस्पृश्य परिवार में हुआ था। आंबेडकर ने अपना सारा जीवन हिंदू धर्म की...

  हिंदी पट्टी की बहुजन राजनीति को कैसे निगल रही है भाजपा

हिंदी पट्टी में राजनीतिक वर्चस्व भारत की केंद्रीय सत्ता पर राजनीतिक वर्चस्व का रास्ता खोलता है। हिंदी पट्टी की घनी जनसंख्या और भारत में जनसंख्या आधारित राजनीतिक प्रतिनिधित्व की व्यवस्था के चलते भारत के अन्य हिस्सों पर इसका राजनीतिक...

हुकूमतें अधिकार की चेतना को नष्ट कर बहुजनों में भिखारी चेतना कर रही हैं विकसित

भागलपुर। बहुजन दृष्टि का मूल तत्व समानता, बराबरी व आजादी है। बहुजन दृष्टि सोशल इंजीनियरिंग का पर्याय नहीं है। सोशल इंजीनियरिंग के जरिए सामाजिक न्याय और बदलाव की राजनीति आगे नहीं बढ़ सकती है। सोशल इंजीनियरिंग के जरिए सामाजिक...

एक बार फिर मण्डल बनाम कमण्डल!

उत्तर प्रदेश में हर रोज राजनैतिक भूचाल के झटके लग रहे हैं। बहुजन विमर्श, जिसे विगत वर्षों में आखेट कर लिया गया था, एक बार फिर चर्चा में आ चुका है। मंत्रियों और विधायकों के इस्तीफे आ रहे हैं।...

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अपरेंटिसशिप गारंटी योजना भारतीय युवाओं के लिए वाकई गेम-चेंजर साबित होने जा रही है

भारत में पिछले चार दशकों से उठाए जा रहे मुद्दों में बेरोजगारी 2024 में प्रमुख समस्या के रूप में सबकी नजरों में है। विपक्षी दल कांग्रेस युवाओं के रोजगार पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, वहीं भाजपा के संकल्प पत्र में ठोस नीतिगत घोषणाएँ नहीं हैं। कांग्रेस हर शिक्षित बेरोजगार युवा को एक वर्ष की अपरेंटिसशिप और 1 लाख रूपये प्रदान करने का प्रस्ताव रख रही है।