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आम जनता नहीं, कॉरपोरेट के हित में बैंकों में किए जा रहे हैं बदलाव
Janchowk -
इंदौर। बैंकों का राष्ट्रीयकरण 54 वर्ष पूर्व 19 जुलाई 1969 को हुआ था। तब से अब तक बैंकों की कार्यप्रणाली एवं नीतियों में बड़े बदलाव आये हैं। उदारीकरण की नीतियां अपनाने के बाद 1991 से ही बैंकों को आम...
पहला पन्ना
आरबीआई की नई नीतिः नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या जैसों को मिलेगी खुली छूट
8 जून, 2023 को भारतीय रिजर्ब बैंक (आरबीआई) ने एक सर्कुलर जारी किया। इसमें कहा गया है कि इरादतन चूक और बैंक धोखाधड़ी करने वालों के मामलों में बैंकों के साथ समझौता किया जा सकता है, जिससे कि उन बैंकों को...
बीच बहस
आगे जाकर पीछे लौटने की नीति है बैंकों का निजीकरण
15 और 16 मार्च को बैंकिंग सेक्टर के सरकारी बैंकों के कर्मचारियों की सफल हड़ताल के बाद आज से 52 साल पहले, भारतीय अर्थव्यवस्था और बैंकिंग सेक्टर में 1969 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा उठाया गया बैंको के...
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AIPF (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र
लखनऊ में आइपीएफ द्वारा जारी घोषणा पत्र के अनुसार, भाजपा सरकार के राज में भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ है और कोर्पोरेट घरानों का मुनाफा बढ़ा है। घोषणा पत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में विभिन्न जन मुद्दों और सामाजिक, आर्थिक नीतियों पर बल दिया गया है और लोकसभा चुनाव में इसे पराजित करने पर जोर दिया गया है।
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