जन्मदिवस पर विशेष: बेगम अख़्तर के बग़ैर ग़ज़ल अधूरी है
वे सरापा ग़ज़ल थीं। उन जैसे ग़ज़लसरा न पहले कोई था और न आगे होगा। ग़ज़ल से उनकी शिनाख़्त है। ग़ज़ल के बिना बेगम अख़्तर [more…]
वे सरापा ग़ज़ल थीं। उन जैसे ग़ज़लसरा न पहले कोई था और न आगे होगा। ग़ज़ल से उनकी शिनाख़्त है। ग़ज़ल के बिना बेगम अख़्तर [more…]
तारीख में ऐसी कई मिसालें मिलती हैं जब तवायफें किसी की ऐसी पाबंद हो जाया करती थीं कि किसी और की तरफ कभी मुड़ कर [more…]