मनुष्य के अस्तित्व से जुड़ गए हैं गांधी और गांधीवाद
साम्प्रदायिक एकता गांधी जी के लिए महज एक आदर्श नहीं थी वह उनकी आत्मा में रची बसी थी। साम्प्रदायिक सद्भाव तथा समरसता के प्रति उनकी [more…]
साम्प्रदायिक एकता गांधी जी के लिए महज एक आदर्श नहीं थी वह उनकी आत्मा में रची बसी थी। साम्प्रदायिक सद्भाव तथा समरसता के प्रति उनकी [more…]
‘एक देश बारह दुनिया’ पुस्तक अनूठे भाषा-प्रवाह और दृश्य-बिम्बों के कारण अपने पहले पन्ने से ही पाठकों को बांधकर आगे बढ़ती हुई नजर आती है। [more…]
कुछ साल पहले, जब में एण्डियन पर्वत श्रृंखला पर स्थित बोलिवियन राजधानी ला पाज़़ गया था, मैंने एक रेस्त्रां में लगा बोर्ड देखा, जिस पर [more…]