Saturday, March 25, 2023

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इलाहाबाद से प्रयागराज: नाम ही नहीं, पूरा शहर बदल गया है!

1977 में हम इलाहाबाद आए। तब से लेकर आज तक इलाहाबाद में बहुत बदलाव देखे। तब यह शहर फल, फूल और बगीचों का शहर था। अमूमन एक मंजिले, दो मंजिले मकानों का शहर। तिमंजिले मकान थे लेकिन बहुत कम।...

पुण्यतिथि पर विशेष : चार्ल्स कोरिया; आधुनिक भारत की वास्तुकला को जिसने दुनिया में नई पहचान दी

चार्ल्स कोरिया उस अज़ीम शख्सियत का नाम है, जिन्होंने आधुनिक भारत की वास्तु कला को दुनिया भर में एक नई पहचान दी। वास्तुकार और शहरी योजनाकार चार्ल्स कोरिया, देश के आधुनिक वास्तुकला का चेहरा माने जाते थे। स्वतंत्र भारत...

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सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता के बिना स्वस्थ लोकतंत्र नहीं पनप सकता- डी वाई चन्द्रचूड़

जैसे मैं पत्रकारिता और कानून के प्रोफेशन के बारे में सोच रहा था तो, मुझे इस बात का अहसास...