तुम कैसे बेशर्म हुए, वश में होकर इन ब्राह्मणों के
नित छूने को चरण अरे तुम झुक जाते हो यों कैसे।
आर्यों की मनुस्मृति को देखो, ध्यानपूर्वक देखो
उसमें धोखा है सब देखो, पढ़ो ज़रा इनके ग्रंथों को।।
- जोतीराव फुले
“मेरे तीसरे गुरु...
(भारत की देशज शोषण-उत्पीड़न और गैर-बराबरी की आर्य-ब्राह्मणवादी व्यवस्था (भारतीय सामंतवाद) को आधुनिक युग में पहली बार चुनौती देने वाले पहले व्यक्तित्व फुले दंपति- जोतीराव फुले और सावित्रीबाई फुले हैं। जिन्होंने सत्य शोधक समाज (1873) के माध्यम से वर्ण-जाति...