Saturday, April 20, 2024

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मायावती की बहुजन वैचारिकी: उत्थान से अवसान तक

मायावती ने अपनी चिरपरिचित शैली में बसपा के दो कद्दावर नेताओं को एक बार फिर बाहर का रास्ता दिखा दिया है। पार्टी विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा और पूर्व पार्टी अध्यक्ष राम अचल राजभर, दोनों को 3 जून...

सीएए विरोधी आंदोलन में सपा की असलियत आयी सामने: शाहनवाज आलम

मेरठ। अल्पसंख्यक कांग्रेस पश्चिमी ज़ोन के जिला, शहर और प्रदेशपदाधिकारियों की बैठक आज मेरठ के चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स के हाल में हुई। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव और उत्तर प्रदेश के प्रभारी ज़ुबौर खान और रोहित चौधरी...

टोपी का रंग और उसकी राजनीति

'विधान मंडल पहनावे अथवा भाषाओं को परिभाषित, निर्देशित अथवा  उपहासित करने का सभाकक्ष नहीं है।’ सत्तर के दशक की बात है। उत्तर प्रदेश विधानसभा में एक बड़े नेता नवागन्तुक सदस्यों के बोलने-बैठने के आचरण के विषय में भाषण कर...

महाराष्ट्र में बैलेट पेपर से चुनाव कराने की कवायद शुरू

17 फरवरी को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) पर अंगुली उठाने का एक चक्र पूरा हो गया। भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी से शुरू हुआ ये सिलसिला, कांग्रेस, बसपा व तमाम दूसरे दलों से होते हुए भाजपा तक वापस...

मायावती के जन्मदिन के बहाने: कहां भटक गई बहुजनों की लड़ाई?

15 को दलित आन्दोलन की बड़ी नेता पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का जन्मदिन होता है। आज 2021 में अपनी आयु के 64 वर्षों को पूर्ण कर लेंगी। इस दौरान जैसा कि हम सब जानते हैं उन्होनें राजनैतिक रूप से कई...

महंगा पड़ गया मायावती के लिए बीजेपी के समर्थन का बयान

बसपा सुप्रीमो मायावती भाजपा को खुला समर्थन देने की घोषणा एक हफ्ते तक भी नहीं बरकरार रह सकीं और मुसलमानों के आक्रोश से घबराकर उनको कहना पड़ा कि पार्टी कभी भी भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करेगी। राज्यसभा चुनाव...

पाटलिपुत्र की जंग: चुनावी राजनीति से अदृश्य होते दलित और दलित मुद्दे!

वंचित तबक़ों के लिए आबादी के हिसाब से हिस्सेदारी बाबा साहेब आंबेडकर का सिद्धांत रहा है। मगर, वे सत्ता में हिस्सेदारी की बात करते थे। डॉ. आंबेडकर की इस बात से सीख लेते हुए दलित नेतृत्व और कार्यकर्ताओं ने अपनी...

कांशीराम स्मरणः खवासपुर के फकीर का राजनीतिक सफर और आज की बहुजन राजनीति!

हिंदी-भाषी क्षेत्र में बहुजन-राजनीति के नायक और बेमिसाल संगठक कांशीराम जी का आज परिनिर्वाण दिवस है। सन् 2006 में आज ही के दिन उन्होंने दिल्ली में अंतिम सांस ली। एक संगठक और राजनीतिज्ञ के रूप में कांशीराम जी को...

हाथरस की आग बिहार पहुंचने पर ध्वस्त हो सकता है एनडीए का किला

हाथरस के क्रूर सामूहिक दुष्कर्म कांड ने बीजेपी की चिंताएं बढ़ा दी हैं। पार्टी को अब डर सताने लगा है कि अगर इस मामले की आग बिहार चुनाव तक पहुंच गई तो भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। चिराग...

उर्मिलेश की कलम से: सपा-बसपा के परशुराम!

महामारी के इस भयावह दौर में जब सरकारें अपनी चौतरफा विफलताओं से लोगों का ध्यान हटाने की हर चंद कोशिश कर रही हैं, उत्तर प्रदेश के दो प्रमुख विपक्षी दल  बिल्कुल अनोखे अंदाज में पेश आ रहे हैं। ऐसा...

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अपरेंटिसशिप गारंटी योजना भारतीय युवाओं के लिए वाकई गेम-चेंजर साबित होने जा रही है

भारत में पिछले चार दशकों से उठाए जा रहे मुद्दों में बेरोजगारी 2024 में प्रमुख समस्या के रूप में सबकी नजरों में है। विपक्षी दल कांग्रेस युवाओं के रोजगार पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, वहीं भाजपा के संकल्प पत्र में ठोस नीतिगत घोषणाएँ नहीं हैं। कांग्रेस हर शिक्षित बेरोजगार युवा को एक वर्ष की अपरेंटिसशिप और 1 लाख रूपये प्रदान करने का प्रस्ताव रख रही है।