एक मरे जमीर वाले मीडियाकर्मी को हमला करके जिंदा मत करिए

शाहीन बाग़ को ही इम्तहान देना है। इसलिए मीडिया हो या कोई और हो उसके साथ किसी तरह की धक्का…