चितरंजन स्थित लोकोमोटिव वर्क्स ने 10 अगस्त, 2021 को एक लिखित मांग पत्र में पुणे स्थित इनवॉल्यूट प्राइवेट लिमिटेड से…
आखिरी वक्त में भी हाथ उठाकर बंधी रही चितरंजन भाई की मुट्ठी!
चितरंजन भाई अपने गांव लौट गए थे। कुछ महीने पहले। ग्राम सुल्तानपुर, तहसील बांसडीह, जिला बलिया, घाघरा का कछार और…
स्मृति शेष: ‘जुल्म और दमन के खिलाफ इंसाफ और लोकतंत्र की निर्भीक आवाज थे भाई चितरंजन सिंह’
आदरणीय चितरंजन भाई से अभी 10 अक्टूबर को टॉउनहाल बलिया में बहुत दिनों बाद मुलाकात हुई थी। PUCL के साथियों…
ओह, विदा चितरंजन भाई!
जीवन की इतनी ही सीमा होती है। चितरंजन भाई भी आज छोड़ गए। वे एक भव्य इलाहाबादी विभूति थे। हमारे…
नहीं रहे जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता चितरंजन, बलिया में ली आखिरी सांस
बलिया/नई दिल्ली। देश के जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता, जनवादी चिंतक व स्वतंत्र पत्रकार चितरंजन सिंह का आज निधन हो गया। वे…