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बीच बहस

निजीकरण: मिथ और हकीकत

निजीकरण का राजनैतिक अर्थशास्स्त्र समझने के लिए किसी राजनैतिक अर्थशास्त्र में विद्वता की जरूरत नहीं है। सहजबोध (कॉमनसेंस) की बात है कि कोई भी व्यापारी [more…]